AIIMS:Rishikesh Director, Prof Dr Meenu Singh Visits Parmarth

During a beautiful visit by AIIMS:Rishikesh Director, Prof Dr Meenu Singhji, HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji and Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswatiji expressed their appreciation for the kind services rendered by the doctors at AIIMS and across India during Covid. “Doctors,” declared Pujya Swamiji, “have dedicated themselves their patients without caring about their lives and those of their loved ones. In fact, this is the true service of humanity!

“Not only in the time of Covid, but 24/7, doctors are dedicated to make the patients disease free. Apart from curing the disease, doctors also offer the invaluable gifts of teaching and touch, which they can share with the patients. This not only gives the patient freedom from disease, but also instills a sense of belonging. Amazing transformations in the lives of patients have happened because of the teachings and touch that doctors give them. Beautiful changes occur.”

While at Parmarth, Dr Singhji and her amazing team took part in the Ganga Aarti, and offered prayers and thanks in a traditional water blessing ceremony. Afterwards, Sadhviji shared that “coming to Mother Ganga…being in India is definitely by God’s grace and blessing. When we are so blessed, it’s only natural that we want to serve others. With our knowledge, through our pujas and our sadhana. This service to others is worshipping and showing our love to God. Such a beautiful way to show our love – through service to others! These doctors are living, breathing evidence of the power of service.”

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश की निदेशक डाॅ मीनू सिंह जी एवं भारत के वरिष्ठ चिकित्सकों का दल पहुंचा परमार्थ निकेतन

विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कर जल संरक्षण का दिया संदेश

हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर किया अभिनन्दन

ऋषिकेश, 30 अगस्त। एम्स ऋषिकेश की निदेशक डाॅ मीनू सिंह जी और उनके साथ भारत के वरिष्ठ चिकित्सकों का दल पहुंचा परमार्थ निकेेतन। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा एम्स की स्वास्थ्य सुविधाओं के विषय में चर्चा की तत्पश्चात माँ गंगा जी की आरती में सहभाग किया।

स्वामी जी ने एम्स ऋषिकेश की निदेशक डाॅ मीनू सिंह जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा देकर सभी की ओर से उनका अभिनन्दन किया तथा शुभकामनायें देते हुये कहा कि आपको प्रभु उत्तम स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान करें तथा आपके द्वारा की गयी निःस्वार्थ सेवाओं से जनमानस का भला हो। स्वामी जी और साध्वी जी के पावन सान्निध्य में डा मीनू सिंह जी और एम्स से आये चिकित्सकों की टीम में विश्व ग्लोब का अभिषेक कर जल और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

स्वामी जी ने कहा कि कोविड के दौरान डाॅक्टर्स ने जिस प्रकार सेवायें की उसके लिये हम सभी कृतज्ञ हंै। डाॅक्टर्स ने अपनी और अपनों की जान की परवाह किये बिना मानवता की सेवा में अपने आप को समर्पित कर दिया वास्तव में यही मानवता की सच्ची सेवा है।

स्वामी जी ने कहा कि चिकित्सकों द्वारा दिये जा रहे अमूल्य योगदान का सम्मान करना जरूरी है। न केवल कोविड के समय बल्कि 24/7 चिकित्सक रोगियों को रोगमुक्त करने हेतु समर्पित है। रोगी को रोगमुक्त करने के साथ ही चिकित्सकों के पास टीचिंग एंड टच जैसे अमूल्य उपहार भी हैं, जिन्हेें वे रोगियों के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे न केवल उन्हें रोगों से मुक्ति मिलेगी बल्कि अपनेपन का भी अहसास होगा। चिकित्सकों के पास जो टीचिंग और टच है उससे रोगियों के जीवन में अद्भुत टंªासफाॅर्मेशन; परिवर्तन किया जा सकता है।

स्वामी जी ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ वर्तमान पीढ़ी में हमारी परम्परागत चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूकता पैदा करना और स्वच्छता, स्वच्छ जल और प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाये रखने हेतु प्रेरित करना आवश्यक है। साथ ही हमें अपनी जीवन शैली है प्रकृति के अनुरूप बनाये रखना होगा।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि विदेश से वापस लौट कर भारत की धरती पर मां गंगा के तट पर वापस आना, वास्तव में प्रभु की कृपा और आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि ज्ञान, यज्ञ, साधना जो भी हम करते हंै उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हम दूसरों की सेवा करें। हम जब निःस्वार्थ भाव से सेवा करते है वही पूजा है और वही ध्यान है।