Parmarth Niketan Welcomes Beloved Film Actor Sanjay Mishra

HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji warmly welcomed one of India’s most beloved film actors, Sanjay Mishraji, Home to Parmarth Niketan, where the star of Hindi cinema and television was enthralled with the ambience and atmosphere of the Ashram and its divine Aarti and Yagya pujas!


परमार्थ निकेतन देर रात आये भारतीय फिल्म अभिनेता, हिन्दी सिनेमा और टेलीविजन के जाने माने कलाकार श्री संजय मिश्रा जी। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर कहा कि स्वामी जी आप वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति और संस्कारों को प्रसारित कर उन्हें संरक्षित करने का अद्भुत कार्य कर रहे हैं।

श्री संजय मिश्रा जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा आरती कर मेरा मन प्रसन्न हो गया, मुझे पहले भी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज गंगा आरती के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति और संस्कारों को प्रसारित कर उन्हें संरक्षित करने का अद्भुत कार्य कर रहे हैं। जिस प्रकार हम एक कलाकार के रूप में अपनी कला के माध्यम से जनसमुदाय का मनोरंजन करते हैं, पूज्य स्वामी जी गंगा आरती के माध्यम से अध्यात्म के साथ संस्कृति, सद्विचार, भारतीय दर्शन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश वर्षो से प्रसारित कर रहे हैं। जब भी हरिद्वार और ऋषिकेश की यात्रा बनती है वह यात्रा गंगा आरती के बिना पूरी नहीं होती, मैं पहले भी आया था और इस समय भी मुझे गंगा आरती में सहभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शहीद हुये 5 वीर जवानों लांस नायक रूचिन सिंह रावत जी, पैराटूपर सिंद्धान्त छेत्री जी, नायक अरविंद कुमार जी, हवलदार नीलम सिंह जी, पैराटूपर प्रमोद नेती जी को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित कर आज की गंगा आरती भारत माता के इन वीर सपूतों को समर्पित की तथा यज्ञ में आहुतियां समर्पित कर श्रद्धाजंलि अर्पित की।

स्वामी जी ने कहा कि वर्ष 1913 भारतीय सिनेमा और भारतीय साहित्य के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष था क्योंकि इस वर्ष ही गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी को उनकी महान कृति ‘गीतांजलि’ के लिए साहित्य का नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ था, अर्थात जब भारतीय साहित्य विश्व पटल पर प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहा था वहीं दूसरी ओर भारतीय सिनेमा भी दर्शकों का निरंतर मनोरंजन करने के साथ एक सकारात्मक संदेश भी प्रसारित कर रहा था। वर्तमान समय मे हिंदी साहित्य और सिनेमा के संबंधों की एक खूबसूरत तस्वीर सामने आ रही है, जो कि निश्चित ही आने वाले समय के लिए एक सुखद उम्मीद जगाता है।

स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों के सुखद भविष्य के लिये साहित्य और सिनेमा को भारतीय संस्कृति के अनुरूप लेकर चलना होगा ताकि उनमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखायी दे।

स्वामी जी ने अभिनेता श्री संजय मिश्रा जी को हिमालय की हरित भेंट शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।