Hon’ble Governor of Tripura Joins Pujya Swamiji in Gracing Huge Bhandara at Parmarth

In Rishikesh, a grand feast was organized at Parmarth Niketan, where dignitaries like Pujya Swami Chidanand Saraswatiji, Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswati ji, and the Honorable Governor of Tripura, Shri Indrasena Reddy Nallu Bjp ji, along with Mrs. Reddy ji, served food with love to everyone attending. Inspired by Pujya Swami Ji’s guidance, a commitment was made for planting trees, and plans for Aarti in Tripura were announced. It was acknowledged that Parmarth Niketan serves as a remarkable center for cultural ceremonies and environmental conservation. Plastic usage was discouraged during the feast, with a call for environmental consciousness.


माननीय राज्यपाल, त्रिपुरा श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी, श्रीमती रेड्डी जी, परिवारजनों व ईष्टमित्रों ने रात्रि विश्राम परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में किया।

आज प्रातःकाल स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में माननीय राज्यपाल त्रिपुरा व परिवार जनों ने माँ लक्ष्मी जी का पूजन कर परमार्थ निकेतन में आयोजित विशाल भंडारा में सभी को अपने हाथों से भोजन परोसा। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन के इस सात्विक वातावरण में गीता पाठ करते हुये भोजन करने का अपना ही आनंद है।

स्वामी जी और माननीय राज्यपाली श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी ने श्री सीताराम मोर जी की 50 वीं वैवाहिक वर्षगांठ पर रूद्राक्ष का पौधा व रूद्रक्ष की माला भेंट की। श्री सीताराम जी ने स्वामी जी की प्रेरणा से 50 वीं वर्षगांठ पर 50 स्थानों पर सौ-सौ पौधों का रोपण करने का संकल्प किया। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन वास्तव में एक अद्भुत प्लेटफार्म है जहां पर भारत सहित विश्व से आने वाले श्रद्धालु संस्कार, संस्कृति के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी लेकर जाते हैं।

स्वामी जी ने गंगा जी का दर्शन व स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुये कहा कि माँ गंगा के तट से अपने जीवन का अपना-अपना आडिट करने का व आत्मनिरिक्षण का संकल्प लेकर जाये कि मैं कहां पर खड़ा हूँ और मेरा जीवन किस ओर जा रहा है। जो अपने भीतर घट रहा है उसे देखे, प्रभु से प्रार्थना करे और प्रतिदिन ध्यान करे यही तो जीवन है।

भंडारा में भोजन परोसते हुये स्वामी जी ने सभी को पत्ते की पत्तल या थाली में भोजन करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भंडारों में प्लास्टिक या थर्माकोल की प्लेट्स का उपयोग न करे क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।

स्वामी जी ने बढ़ते प्लास्टिक कचरे पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि प्लास्टिक कचरा जीवन के लिये एक तरह से खतरे की घंटी है। प्लास्टिक हमारे लिये सुविधाजनक नहीं बल्कि हमारे व हमारे पर्यावरण के लिये एक नासूर की तरह है।

प्लास्टिक, थर्माकोल व सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण पृथ्वी और जल के साथ-साथ वायु भी प्रदूषित होती जा रही है।

स्वामी जी ने कहा कि दो चीजे आसानी से की जा सकती है एक जो लोग भंडारा करते हैं वे प्लास्टिक व थर्माकोल की प्लेट्स का उपयोग न करे। दूसरा जो लोग भंडारा में भोजन करते हैं वे प्लास्टिक की प्लेट्स व कप में भोजन न करे तो काफी हद तक प्लास्टिक की समस्या को कम किया जा सकता है। विशेष कर कथाओं व मेलों के समय बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन किया जाता है उसमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी ने कहा कि जहां पर कृष्णा-गोदावरी बहती हैं वहां पर मेरा जन्म हुआ और गोमती व ब्रह्मपुत्रा जहां मिलती है भारत के ऐसे तीसरे सबसे छोटे प्रदेश त्रिपुरा का मैं राज्यपाल हूँ। त्रिपुरा में 65 से 70 प्रतिशत पहाड़ी व जंगली क्षेत्र है। हमारे राज्य की अधिकांश जनसंख्या उन जंगलों पहाड़ों पर रहती है। सभी अलग-अलग भाषायें बोलते हैं परन्तु उनके सांस्कृतिक उत्सव व कार्यक्रम पूरे भारत में जैसे मनाये जाते हैं वैसे ही है। त्रिपुरा एक शान्तिप्रिय राज्य है और शान्तिप्रिय लोग वहां पर रहते हैं। त्रिपुरा में भी गंगा, माँ भारती व वृक्षों की पूजा की जाती है। मैंने आज परमार्थ निकेतन में पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में माँ गंगा का पूजन व अभिषेक कर अपने राज्य की समृद्धि की प्रार्थना की और यह संदेश मैं अपने प्रदेशवासियों को भी बताऊँगा। यहां आकर जो आनंद की प्राप्ति हुई उसका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है उसे केवल महसूस किया जा सकता है। दिव्यता का अनुभव शब्दों का नहीं आत्मा का अनुभव है।

आज महाराणा प्रताप की जयंती के पावन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी व माननीय राज्यपाल श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित कर उनकी राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रप्रेम व अद्म्य साहस को नमन किया।