Mission LiFE Summit at Parmarth

 

Join us on the holy banks of Mother Ganga as Interfaith, Civic and Social Leaders from across India and around the world gather on the Holy Banks of Mother Ganga to celebrate International Human Solidarity Day by initiating the Mission LiFE programme to jumpstart national and global efforts to combat climate change and achieve sustainability through Solidarity – through Unity of purpose in support of a common goal.


परमार्थ निकेतन में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूनिसेफ, इन्डिया की संयुक्त साझेदारी में अन्तर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के अवसर पर सस्टेनेबिलिटी समिट का आयोजन किया गया। इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरू, पूज्य संत, यूनिसेफ के विशेषज्ञ, पर्यावरण विशेषज्ञ, राजनीतिज्ञ और विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों व विद्यार्थियों ने सहभाग किया।

पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिये जागरूकता हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देने हेतु कौशल और श्रेष्ठ परम्पराओं का विकास किया जा सके। ऐसी परम्परायें जो धरती माता को हरित और स्वस्थ रखने का समर्थन करती हैं।

इस अवसर पर मिशन लाइफ ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ जिसकी आज सबसे अधिक जरूरत है इस पर सभी को जागरूक किया गया। हम सभी को एक साथ आकर लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट को एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाना होगा ताकि पर्यावरण के प्रति जागरूकता युक्त जीवन शैली को एक जन आंदोलन बनाया जा सके। मिशन लाइफ एक वैश्विक जन आंदोलन है जिसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों को एक ऐसी जीवन शैली का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है जो प्रकृति के साथ संरेखित व अनुरूप हो ताकि वे प्रकृति की रक्षा और संरक्षण की दिशा में आगे बढ़े।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मिशन लाइफ- लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट कैंपेन के समर्थन और वकालत के लिए इंटरफेथ, सामाजिक और नागरिक नेता गंगा जी के तट पर इकट्ठा हुये हैं।

स्वामी जी ने कहा कि “आज, हम एकता, एकजुटता और सर्व-ता के संगीत के साथ धरती माता के लिए एकजुट हुये हैं। आज इस संगीत की सबसे ज्यादा जरूरत है और नए साल की शुरुआत में आइए हम पर्यावरण संरक्षण के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने के लिए एक साथ आएं।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने पिछले नवंबर में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में सीओपी 26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान इतने उत्साह से साझा किया, ‘यह शब्द लाइफ है, जिसका अर्थ है ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’। आज जरूरत है कि हम सभी को एक साथ आकर लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट को एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाना होगा। यह पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली की दिशा में एक जन आंदोलन बन सकता है!”

दैवीय सम्पद् मंडल के महामंडलेश्वर श्री असंगानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वैदिक संस्कृति का मूल एकता में समाहित है। हम सभी में परमात्मा का स्वरूप विद्यमान है, इसलिये हम सभी एक है, इस आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। हम सभी को अपना समझे, सभी में प्रभु के दर्शन करें यही आज के दिन का संदेश है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि अब हमारी एकता पर्यावरण संरक्षण के लिये हो। हम पानी बना तो नहीं सकते परन्तु बचा सकते हैं तथा पेड़ बना तो नहीं सकते परन्तु लगा सकते है इसलिये हमें एकजुट होना होगा। उन्होंने ईकोफ्रेंडली उत्पादों के उपयोग पर जोर देते हुये कहा कि हमें ईकोनामी और ईकोलाॅजी को साथ लेकर चलना होगा। बच्चों के पौधा रोपण, जल संरक्षण और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि एकता अर्थात हम अकेले कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हम एक-दूसरे के साथ जुड़े हुये हैं, जैसे कि एक पेड के पत्ते अलग-अलग आकार के होते हैं परन्तु वे सब मिलकर पेड़ को जीवित रखते हैं वैसे ही यह समाज भी एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। उन्होंने बच्चों को जंक से जैविक की ओर बढ़ने का संदेश दिया।

यूनिसेफ वॉश विशेषज्ञ मारिजे ब्रोखुइजसेन ने कहा कि “आज बच्चों, युवाओं और धर्मगुरूओं को एक साथ देखकर मुझे अत्यंत खुशी हो रही है क्योंकि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिये आपकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान पीढ़ी जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने वाली अंतिम पीढ़ी हैं इसलिये अब हमें अपनी जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करना शुरू करना होगा। अक्षय ऊर्जा, सौर पैनलों का उपयोग करना शुरू करना होगा। हमें अपने स्कूलों, अपने आश्रमों, अपने धार्मिक स्थलों में सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा क्योंकि यह अत्यंत महत्वपूर्ण संदेश है। जब जलवायु परिवर्तन की बात आती है तो भारत सबसे कमजोर देशों में से एक है लेकिन, भारत समाधान का हिस्सा भी है। आप सभी युवा समाधान का हिस्सा हैं। आईये जलवायु परिवर्तन के बारे में हो रहे इस चिंतन का हिस्सा बनें।

स्वामी सर्वानन्द जी महाराज ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी पर्यावरण संरक्षण का बहुत बड़ा उदाहरण हैं। हमें जल, जंगल, जमीन, जीवन और पर्यावरण का सम्मान करना होगा तभी हम समृद्ध रह सकते हैं।

स्वामी सुशील गोस्वामी जी ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अध्यात्म को एक नयी दिशा देने का कार्य किया है। हमारे सभी धर्म मानवता का संदेश देते हैं। नये भारत का निर्माण पर्यावरण और मानवता के संरक्षण से ही संभव है।

आचार्य श्री विवेक मुनि जी ने कहा कि अहिंसा, प्रेम, शान्ति, सर्वधर्म सद्भाव समाज के मूल तत्व है। प्रदूषण केवल बाहरी ही नहीं होता आन्तरिक भी होता है इसलिये हमें आन्तरिक प्रदूषण का विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का आधार आॅक्सीजन है जो हमें पेड़ों से मिलती है अतः उनका रोपण और संरक्षण करना जरूरी है।

राष्ट्र मन्दिर के संस्थापक श्री अजय भाईजी ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण परमो धर्मः। हमारे घर में प्रतिदिन पंचदेव सूर्य, धरती, वायु, जल और अग्नि आते हैं उसका सम्मान करें।

बीके आरती जी ब्रह्माकुमारीज ऋषिकेश ने कहा कि भारत अध्यात्म का देश है, और जहां पर अध्यात्म है वहीं एकता है। हम सब पवित्र भारत की संतानें है और हम सभी एक हैं।

हार्पिक के श्री रवि भटनागर जी ने कहा कि सफाई जरूरी है और इसके लिये सभी की भागीदारी भी आवश्यक है।

बौद्ध धर्म से श्री शातंम सेठ जी ने कहा कि भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त होने के पश्चात उन्होंने सबसे पहले संघ बनाया। संघ अर्थात एकता आज भी उसकी नितांत आवश्यकता है।

वेन खेंपो कोंचोक रंगडोल बौद्ध धर्मगुरू ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये हम सभी को एकत्र होना होगा।

प्रबंधक हेमकुण्ड साहेब गुरूद्वारा, दर्शन सिंह जी ने कहा कि युगों से हमारे गुरूओं ने हमें जल, धरती और वायु को स्वच्छ रखने का संदेश दिया है जो हम भूल गये हैं उसे पुनः हमें अपनाना होगा।

सभी विशिष्ट अतिथियों को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रूद्राक्ष का पौधा देकर अभिनन्दन किया। विश्व शान्ति और मानवता की रक्षा हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

इस अवसर पर समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठन यथा दिव्य प्रेम सेवा मिशन, कुष्ठरोगियों की सेवा हेतु, मुस्कान फाउंडेशन जो कि नेत्रदान के लिये उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, स्पर्श गंगा जो गंगा स्वच्छता के लिये, ब्रह्माकुमारी संगठन, ऋषिकेश को मानवता की सेवा हेतु, सीमा डेंटल काॅलेज स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में, ऋतु तोमर वंचितों की शिक्षा हेतु, दीपक बेलवाल शिक्षा के क्षेत्र में, श्री माधव अग्रवाल जी अध्यक्ष नगर पालिका स्वर्गाश्रम, ऋषिकेश को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिये नटराज पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

दैवीय सम्पद् महामंडल के महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी अध्यक्ष परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, सहसंस्थापक ग्लोबल इंटरफेथ एलायंस, साध्वी भगवती सरस्वती जी, अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव जीवा, स्वामी सर्वानंद सरस्वती जी, स्वामी विवेक मुनिजी जैन मुनि, स्वामी सुशील गोस्वामी जी धर्मगुरू, श्री अजय भाई राष्ट्र मन्दिर के संस्थापक, हार्पिक से श्री रवि भटनागर जी, श्री शांतम सेठ बौद्ध धर्मगुरू, बीके आरती जी ब्रह्माकुमारीज ऋषिकेश, मारिजे ब्रोखुइजसेन वॉश विशेषज्ञ यूनिसेफ, भावना रॉय सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन सलाहकार यूनिसेफ इंडिया, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी, सीमा डेंटल काॅलेज के प्राचार्य श्री हिमांशु एरण जी, श्री माधव अग्रवाल जी अध्यक्ष नगर पालिका स्वर्गाश्रम, ऋषिकेश, श्री संजय राय जी सचिव एचएसएस, गांधी आश्रम दिल्ली, दिव्य प्रेम सेवा मिशन से श्री संजय चतुर्वेदी जी, वेन खेंपो कोंचोक रंगडोल बौद्ध धर्मगुरू, गुरूद्वारा हेमकुण्ड साहेब के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह जी, भूतपूर्व सैनिक श्री राजेश सेमवाल जी, श्री विपिन जोशी जी, प्रोफेसर डॉ रचना बिमल दिल्ली विश्वविद्यालय, वंदना शर्मा सीनियर एजुकेटर अलका जी काउंसलर, श्री अरूण सरस्वत जी और अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।