Message on National Energy Conservation Day

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस

सस्टेनेबल एनर्जी फॉर आल

सतत, सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के निर्माण हेतु पौधारोपण जरूरी

हमारी जीवनशैली वातावरण अनुकूल हो

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर कहा कि वातावरण में जो कुछ भी होता है उसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति और हर घर पर होता है इसलिये जरूरी है कि हमारी जीवनशैली वातावरण अनुकूल हो। हमें कम ऊर्जा उपयोग के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु ऊर्जा के पारंपरिक संसाधनों के साथ ही जीवनशैली, रहन-सहन और इमारतों का निर्माण भी पारम्परिक रूप करने हेतु रूपरेखा विकसित करनी होगी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को एक ऊर्जा कुशल जीवन-शैली अपनाने के लिये प्रेरित करना होगा तथा भारत की ऊर्जा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये एक सकारात्मक और प्रभावी साधनों का उपयोग पर जोर देना होगा। भारत में ऊर्जा संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।

आज का दिन भारत में ऊर्जा क्षेत्र का परिदृश्य और ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकताओं पर चिंतन करने हेतु पे्रेरित करता है। साथ ही ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और जलवायु परिवर्तन के विषय में जागरूक करने पर केंद्रित होने के साथ ही ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु हम सभी को प्रेरित करता है। यह ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों से भी सभी को अवगत कराता है।

‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ ऐसे प्रयासों को संदर्भित करता है, जिनके माध्यम से कम ऊर्जा का उपयोग करके ऊर्जा का कुशलतापूर्वक संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके – जैसे बल्ब और पंखों का यथा संभव कम उपयोग करना, एलईडी बल्ब/ट्यूब लाइट का प्रयोग करें, जहां भी संभव हो सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें, जहां भी संभव हो लिफ्ट के बजाय सीढ़ियां लें, लाल बत्ती और रेलवे क्रॉसिंग पर वाहन के इंजन बंद कर दें, स्थानीय या कम दूरी के आवागमन के लिए साइकिल का प्रयोग करें, उपयोग के बाद सिंचाई पंपों को बंद कर दें, पेट्रोल/डीजल वाहनों की तुलना में सीएनजी/ईवी वाहनों को प्राथमिकता दें, मित्रों और सहकर्मियों के साथ कारपूलिंग का उपयोग करें, सही गियर में ड्राइव करें, छतों पर सोलर वाटर या सोलर कुकर हीटर लगाएं, उपयोग करने के बाद उपकरणों को प्लग पॉइंट से बंद कर दें, जहां तक हो खाना पकाने और बिजली की जरूरतों के लिए बायोगैस का प्रयोग करें, एयर कंडीशनर का तापमान 24 डिग्री पर रखें, अन्य कुकवेयर की तुलना में प्रेशर कुकर को प्राथमिकता दें, अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ऊर्जा-बचत मोड में रखें, अक्सर इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए स्मार्ट स्विच का इस्तेमाल करें, फ्रिज या फ्रीजर को नियमित रूप से डीफ्रॉस्ट करें, ट्रेडमिल पर दौड़ने के बजाय बाहर दौड़ें आदि परिवर्तन अपनी जीवनशैली में करके ऊर्जा सरंक्षण में योगदान प्रदान किया जा सकता है।

स्वामी जी ने गंगा आरती के माध्यम से संकल्प कराया कि सतत, सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के लिये आईये मिलकर पौधारोपण करें और दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करें।