Living Water For All 8th Global Leadership Forum

HH Pujya Swami Chidanand Saraswatiji, Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswatiji and Living Peace Projects’ Brigitte Van Baren welcomed a gathering of spiritual leaders, politicians, industry professionals and community leaders to the Living Water For All 8th Global Leadership Forum for a timely and important discussion about clean and healthy water.

‘Living Peace Projects’ – A beautiful organisation which aims to provide water which is natural and rich in energy from water sources like streams, rivers and lakes unlike purified water which is processed using chemicals conducted it’s 8th global conference, at Parmarth Niketan which started today.

This conference was inaugurated by Honourable Chief Minister of Uttarakhand Shri. Pushkar Singh Dhami ji, President of Parmarthniketan HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji – Muniji , General Secretary of GIWA and Founder of Divine Shakti Foundation Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswati ji President of Living Peace Projects Ms. Brigitte Madeleine Van Beuren, President of Madrasa Board, Uttarakhand Mufti Shamoon Qasmi Ji and many other guests.

‘Water Springs’ a book published by them was also released by Dhami ji today. Both Swamiji and Sadhviji beautifully explained the importance of water, its energy, and why conservation of water is the need of the hour. Swamiji also urged everyone to unite together as Vasudeva Kudumbagam to work for water without which there is no future.

In the near future, the lack of fresh water will be the number one threat to peace and humanity. Only 0,5% of the Earth’s water is available for drinking. Yet at the same time, global demand for fresh water is projected to increase 55% by 2050. To address the issue, this Forum and other conclaves around the world are organized to create awareness about the impending critical situation surrounding fresh water by initiating educational clean water projects in nations and communities across the globe.


 
परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन ‘‘लिविंग वाटर फार आल’ का आयोजन ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और लिविंग पीस प्रोजेक्ट्स के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
 
‘‘लिविंग वाटर फार आॅल’ सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी, परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, वित्त, शहरी विकास एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री उत्तराखंड सरकार श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, अध्यक्ष लिविंग पीस प्रोजेक्ट्स, नीदरलैंड ब्रिजिट मेडेलीन वैन बेरेन, अध्यक्ष मदरसा बोर्ड, उत्तराखंड मुफ्ती शमून कासमी जी, बहाइ धर्मगुरू श्री मर्चेंट जी और विश्व के विभिन्न देशों से आये प्रतिभागियों ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया।
 
माननीय मुख्यमंत्री जी, सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने ‘वॉटर स्प्रिंग्स’ पुस्तक का अवलोकन किया। वाॅटर स्प्रिंग्स पुस्तक में विश्व के विभिन्न देशों के धर्मगुरूओं ने अपने देश, महाद्वीप एवं उपमहाद्वीप में बहने वाली नदियों के महत्व, उद्गम, स्वच्छता और संरक्षण के विषय में सारगर्भित विचार प्रस्तुत किये।
 
‘वॉटर स्प्रिंग्स’ पुस्तक में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने गंगोत्री से प्रवाहित होने वाली माँ गंगा, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने माँ सरस्वती, 12वीं चामगोन केंटिंग ताई सितुपा जी ने कैलाश पर्वत से बहने वाली चार पवित्र नदियां ब्रह्मपुत्र नदी, करनाली नदी, सतलज नदी, सिंधु नदी, ब्रह्मऋषि श्री मोहन जी द्वारा माँ यमुना, हाजी सैयद सलमान चिश्ती, अजमेर शरीफ पवित्र झरना, प्रुबलीन कौर भोगल, भाई साहिब मोहिंदर सिंह जी, यूनाइटेड किंगडम द्वारा संपादित काली बेन नदी की कहानी, बहन जयंती कृपलानी जी, यूनाइटेड किंगडम, नक्की झील के जल का वर्णन, ब्रिजिट वैन बेरेन नीदरलैंड द्वारा राइन नदी, पीर जिया इनायत खान साहब, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जमजम का कुआँ, बिशप रूबेन टिएर्राब्लांका गोंजालेज, टर्की द्वारा जाॅर्डन, रब्बी अवराम सोएटेन्डोर्प, नीदरलैंड जाॅर्डन नदी, ईजेकील ओलेकाटो, केन्या द्वारा नील नदी का पवित्र जल, अंगांगक अंगारकोर्सुआक ग्रीनलैंेड द्वारा आईएमईक्यू-सभी का जीवन देने वाला स्रोत, चीफ अरवोल लुकिंग हॉर्स – संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मिसिसिपी, रेइनियर कलाकार सुरीनाम द्वारा अमेजॅन नदी, वेंडी रनहार्ट, नीदरलैंड आदि के अपने देश की नदियों के महत्व व संरक्षण के संदेशों को प्रकाशित किया गया है।
 
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि बच्चों के लिये शिक्षा बहुत जरूरी है परन्तु उन्हें कैसे शिक्षित करें इसका चिंतन अत्यंत आवश्यक है। भारत ने पूरे विश्व को विज़डम दिया, पीस (शान्ति) का संदेश दिया। सदैव ही पीसेज़ नहीं बल्कि पीस में रहने का संदेश दिया। भारत बांटने की नहीं बल्कि जोड़ने की संस्कृति; योग की संस्कृति पर विश्वास करता है।
 
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने नो वाटर-नो लाइफ! वाटर इज लाइफ, लाइफ इज वाटर और लाइफ इन वाटर इन तीनों का बड़ी ही खूबसूरती से वर्णन किया। स्वामी जी ने कहा कि सनातन संस्कृति में हम अपने पंाच तत्वों की ईश्वर तुल्य पूजा अर्चना करते हैं। हमारे शरीर में जल सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिये हमें वाटर के पाॅवर को समझना होगा।
 
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हिमालय पर्वत से गंगा जी धरती पर ऋषिकेश में उतरी इसलिये यहां की भूमि, वायु, जल सभी पवित्र है। उन्होंने कहा कि हम सभी की प्रमुख जरूरत है स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु ओर स्वच्छ वातावरण इसी के माध्यम से हम एक दूसरे से जुड़ते भी हैं। एक दूसरे के बीच प्रेम के संबंध और विज़डम हमें एक साथ जोड़ता है उसी प्रेम व विज़डम के साथ हमें अपने जल स्रोतों से जुड़ना होगा।
 
हम सभी जानते है कि जल ही जीवन है, जल के बिना हम जीवित नहीं रह सकते और जल के माध्यम से हम पूरे ब्रह्माण्ड से जुड़ सकते है। वर्तमान समय में बहुत सारे लोगों की पहुंच स्वच्छ जल तक नहीं है इसलिये हमें शाकाहारी व जैविक भोजन को स्वीकार करना व अपनाना होगा।
 
साध्वी जी ने कहा कि मनुष्य का शरीर एक ऊर्जा का स्रोत है तथा पृथ्वी के प्रत्येक कण में ऊर्जा समाहित है, हम जो ग्रहण करते है उन सब में भी ऊर्जा है और इन सभी की ऊर्जा का स्रोत जल है इसलिये जल का संरक्षण व संवर्द्धन अत्यंत आवश्यक है।
 
अध्यक्ष मदरसा बोर्ड, उत्तराखंड मुफ्ती शमून कासमी जी ने कहा कि जल के कारण ही यह ब्रह्माण्ड अमन का दिव्य स्थल है। जल के कारण ही हमारे चेहरे पर मुस्कान है और घरों में खुशहाली है। उन्होंने कहा कि मदरसों और शिवालयों से विविधता में एकता का संदेश प्राप्त होता है। सनातन संस्कृति सदा से है और सीधी चली आ रही है इसलिये वह कभी अंधकार में नहीं ले जा सकती और इस्लाम में भी यही कहा गया है। उन्होंने कहा कि गाय हमारे बच्चों को पोषण देती है, हिमालय हमें जीवन देता है और नदियां हमें जल प्रदान करती है इसलिये इनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। इस अवसर पर उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम् व विश्व एक परिवार है का संदेश दिया।
 
अध्यक्ष लिविंग पीस प्रोजेक्ट्स, नीदरलैंड ब्रिजिट मेडेलीन वैन बेरेन ने ‘लिविंग वाटर फाॅर आल’ सम्मेलन और वॉटर स्प्रिंग्स’ पुस्तक के विषय में जानकारी प्रदान की तथा इस दिव्य आयोजन के लिये पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी का आभार व्यक्त किया।
 
इस अवसर पर रीमा, बरूची मिश्रा जी, बोर्ड मेंबर, डेनिलो तुर्क (जल और शांति पर वैश्विक उच्च स्तरीय पैनल के अध्यक्ष), आर्कबिशप थाबो मक्गोबा, अव्राहम सोएटेन्डोर्प, बहन जयंती, विकास चतुवेर्दी, भारत, जल से संबंधित डच सहयोग, गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, मनीषा शर्मा, अनिता नाईक, उपासना, जैमा, राकेश आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।