Heritage Walk of the participants of Maa Ganga Awareness and Aarti Training Workshop

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल आशीष कुमार चौहान जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, विधायक यमकेश्वर रेणु बिष्ट जी और अन्य विशिष्ट विभूतियों के पावन सान्निध्य में भारत के पांच राज्यों से आये प्रतिभागियों ने महर्षि महेश योगी आश्रम (बीटल्स) का दर्शन कर इस दिव्य भूमि में ध्यान किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के पांच राज्यों से गंगा जी की आरती का प्रशिक्षण लेने आये पुरोहित हमारे ग्रासरूट हीरोज़ है जिनका कल्चर के साथ हमारी धरोहर, विरासत, परम्परा, हैरिटेज, रिवर कंर्जवेशन और वाइल्ड लाईफ कंजर्वेशन में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत की विविधता और विशाल धरोहर भंडार को वैश्विक स्तर पर भी इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान के लिये जाना जाता है उन्हें संजो कर रखना हम सभी का परम कर्तव्य है।

स्वामी जी ने कहा कि महर्षि महेश योगी आश्रम अतीत की भारतीय विरासत, आध्यात्मिकता, ध्यान के महत्व के साथ सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है।

स्वामी जी ने बताया कि गंगा आरती प्रशिक्षण में धार्मिक मूल्यों के साथ सामाजिक मूल्य, परंपराएँ, रीति-रिवाज, प्रथाएं, सौंदर्यात्मक एवं आध्यात्मिक आस्थाएँ, कलात्मक अभिव्यक्ति, भाषा और मानव गतिविधि के अन्य पहलू शामिल किये गये है ताकि पुरोहित परमार्थ निकेतन से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने घाटों को आस्था, व्यवस्था के साथ जनजागरण के केन्द्र के रूप में विकसित कर सके। गंगा आरती प्रशिक्षण भारत की सांस्कृतिक पहचान व समृद्ध विरासतों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

स्वामी जी ने कहा कि भारत के गौरवशाली अतीत की धरोहर समाज की अमूर्त विशेषताओं की विरासत है जो हमें हमारी अतीत की पीढ़ियों से विरासत में मिली है उसे वर्तमान में बनाये रखना और भविष्य की पीढ़ियों के लिये भी संरक्षित करना हमारा परम कर्तव्य है।

अब समय आ गया है कि सहिष्णुता के साथ हमारी नदियों, प्रकृति व पर्यावरण का संरक्षण करें तथा समाज में भी इस संस्कृति को पल्लवित होने का अवसर प्रदान करें।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में सभी प्रतिभागियों ने महर्षि महेश योगी आश्रम में ध्यान किया तथा उस दिव्य वातावरण का आनन्द लिया।