BJP Mahila Morcha Meeting Inaugurated by Honble CM of Uttarakhand at Parmarth

परमार्थ निकेतन पधारे उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर सबसे पहले शक्ति का पूजन किया। पूज्य स्वामी जी ने उनका अभिनन्दन किया।

यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा और आदरणीय कर्मयोगी श्री पुष्कर सिंह धामी जी के पुरूषार्थ से पूरा उत्तराखंड आगे बढ़ रहा है। प्रगति के साथ प्रकृति, संस्कृति और संतति का भी ध्यान रखा जा रहा है ताकि विकास तो हो परन्तु हमारी धरोहर और विरासत भी बचे।

माननीय मुख्यमंत्री धामी जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और अन्य सभी विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा, प्रदेश कार्य समिति की दो दिवसीय कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत अपने गौरवशाली इतिहास और दिव्य संस्कृति के कारण पूरे विश्व में एक विशिष्ट स्थान रखता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी समाज के मानव संसाधन को लगातार बेहतर, मजबूत व सशक्त करने हेतु उत्कृष्ट प्रयास कर रहे हैं ताकि हमारे देश की आधी आबादी को विशेष स्थान और सम्मान प्राप्त हो सके। नारी शक्ति के बिना कोई भी समाज अपनी संपूर्णता और समृद्धि को प्राप्त नही ंकर सकता।

स्वामी जी ने कहा कि भारत में विभिन्न संस्कृतियों का संगम है और सनातन संस्कृति से ही नारियों को संस्कृति के केंद्र में रखा गया है परन्तु समय के साथ बहुत कुछ बदला सोचने से लेकर जीवन जीने का ढंग बदला और फिर पितृसत्तात्मक समाज ने सब अपने अनुसार तय किया है। अब समय आ गया है कि निष्पक्ष होकर एक बेहतर सामाजिक संरचना तैयार हो, जहां सही मायनों में पुरुष-स्त्री समान रूप से सशक्त हो। आज यहां पर बैठी सशक्त नारियों को देख कर लगता है वास्तव में भारत महान भारत की ओर बढ़ रहा है।

श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि हम सभी एक ऐसे पवित्र स्थान पर बैठे हैं जिसका नाम ही परमार्थ है, जो कि प्रत्येक सकारात्मक कार्यो के लिये सदैव आगे रहता है। पूज्य स्वामी जी महाराज ने वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अर्द्धनारीश्वर की पूजा करने वाली संस्कृति है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है नारी तू नारायणी। हमारी संस्कृति न तो नूतन है न पुरातन है बल्कि वह तो सनातन है।

नारियों ने अपनी साधना, परिश्रम और तप के बल पर अपने को प्रमाणित करने का कार्य किया है। हमारी सांस्कृतिक विरासत में माता का स्थान सबसे श्रेष्ठ माना गया है और कहा गया है कि माँ के आंचल में ही पवित्रता, शुचिता और निस्वार्थ प्रेम मिलता है। एक समय ऐसा था जब पुरूष प्रधान समाज को बढ़ावा मिला परन्तु भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपनी सनातन संस्कृति और सनातन युग की ओर पुनः वापस आ रहा है।

नारी शक्ति प्रदेश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है। नारियाँ देश और प्रदेश की समृद्ध और गौरवशाली परम्पराओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हंै। आप सभी परिवार, संगठन, राज्य और राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिकायें निभा रही हंै।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी और अन्य सभी विशिष्ट अतिथियों को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।