World Creativity and Innovation Day

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस के अवसर पर पर्यावरण, प्रकृति और धरा के संरक्षण का संदेश देते हुये कहा कि अपनी रचनात्मकता और नवाचार को सतत विकास और इस दुनिया को बेहतर बनाने हेतु लगाये ताकि भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य का निर्माण किया जा सके।

विश्व रचनात्मकता और नवाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नये विचारों, नये निर्णयों और रचनात्मक सोच के माध्यम से अपनी इस धरा, दुनिया और सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड को बेहतर बनाने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने हेतु आज का दिन हमें प्रोत्साहित करता है। यह दिन रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता के लिए समर्पित है।

विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करना है। यह दिन लोगों को उत्साहित करता है कि वे नए विचारों और नए कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ सकते हैं। विशेषकर युवाओं को अपने टाइम, टैलेंट, टेक्नालाजी और टेनेसिटी के द्वारा प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा हेतु आगे आना होगा।

विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस के अंतर्गत, लोगों को अपने विचारों को साझा करने का अवसर मिलता है। इस दिन लोगों को उनके उत्कृष्टता को समझने और स्वीकार करने का भी मौका मिलता है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि पर्यावरण हमारी धरती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हम सभी को संरक्षित रखना होगा। हमारे जीवन और समुदाय के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण बहुत जरूरी है इसलिए, हम सभी को अपने आसपास के पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।

आज के समय में, रचनात्मकता और नवाचार पर्यावरण की संरक्षा के लिए एक अहम तकनीक हो सकती है। नए और सुरक्षित तकनीक का विकास एवं उपयोग, पर्यावरण के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है इसलिए, हम सभी को रचनात्मकता और नवाचार का उपयोग करके पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आगे आना होगा क्योंकि मजबूत आधारिक संरचना के अभाव में किसी भी समाज के लिये विकास करना अपेक्षाकृत काफी मुश्किल होता है। यह आवश्यक है कि यदि विकास और पर्यावरण के मध्य द्वंद्व उत्पन्न हो तो विवेक के साथ इस विषय पर विचार किया जाए और ऐसे वैकल्पिक रास्तों की तलाश की जाए जो पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हमें विकास की नई दिशा दिखाएँ इसलिये आज की युवा पीढ़ी को रचनात्मकता और नवाचार के साथ आगे बढ़ना होगा।