Students from the Netherlands Visit Parmarth

A delegation of twenty students and faculty members from LVO Foundation School in Maastricht, Netherlands visited Parmarth Niketan recently, enjoying a morning Yoga class and the sacred Ganga Aarti, as well as a meeting with Parmarth’s Ganga Nandiniji and Swami Sevananda Saraswatiji to discuss and learn about the various campaigns being run under the guidance of HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji and Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswatiji.

The students and faculty members were visiting India as part of their study of the United Nations’ Sustainable Developent Goals, something that Parmarth and its NGOs have been very active in for many years.

Pujya Swamiji shared in His message that at present more Non-Residents of India (NRIs) are present in the Netherlands than in other countries of the European Union and that the number of Indian students and professional organizations has also increased, which will further strengthen the cultural ties between the two nations.

Student Bloom Wirjman shared: “Our experience turned out to be exactly what we had heard about Parmarth Niketan. The work being done at the global level for environmental protection and sustainable development under the guidance of Pujya Swamiji is exemplary. We’re so glad we go to visit!”

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश आये नीदरलैंड कॉलेज के छात्र

सतत विकास लक्ष्य, योग व ध्यान की विधा और भारतीय संस्कृति पर हुई चर्चा

सतत व समृद्ध विश्व के लिए वाटर चैंपियन बनने हेतु किया प्रेरित

नीदरलैंड काॅलेज के छात्रों ने परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग

विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कर जल संरक्षण का किया संकल्प

ऋषिकेश, 5 अगस्त। नीदरलैंड के मास्ट्रिच में एलवीओ फाउंडेशन स्कूल के बीस छात्रों और संकाय के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश पधारा। दल के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन में योग, ध्यान, गंगा आरती और विभिन्न गतिविधियों का आनन्द लिया।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि वे सतत विकास लक्ष्यों पर अपने अध्ययन हेतु भारत का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने उत्तरी भारत के कुछ ऐसे क्षेत्र जो विकास की मुख्य धारा से जुड़े हुये नहीं हैं, उन क्षेत्रों का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लिया ताकि उन समुदायों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्य परमार्थ निकेतन के सहयोग और मार्गदर्शन में आगे बढाया जायेगा।

नीदरलैंड से आये छात्रों और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन की विश्व विख्यात सायंकालीन गंगा आरती में सहभाग किया। गंगा आरती के पश्चात प्रतिनिधिमंडल ने परमार्थ निकेतन की सुश्री गंगा नंदिनी जी और स्वामी सेवानंद सरस्वती जी से भेंट कर पूज्य स्वामी जी महाराज और साध्वी भगवती सरस्वती के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों के विषय में जानकारी ली।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने संदेश में कहा कि वर्तमान में यूरोपीय संघ के देशों में से नीदरलैंड्स में प्रवासी भारतीय अधिक संख्या में उपस्थित है। नीदरलैंड्स में भारतीय छात्रों और पेशेवर समुदायों की संख्या भी बढ़ी है इससे दोनों राष्ट्रों के मध्य सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे। साथ ही इससे तकनीकी साझेदारी को भी बढ़ावा मिलेगा, जो की आज की युवा पीढ़ी की जरूरत भी है।

स्वामी जी ने नीदरलैंड से आये छात्रों को प्रकृति, पर्यावरण और जल संरक्षण के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत और नीदरलैंड्स के मध्य हमेशा से ही सौहार्द्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और आगे भी बने रहें, वर्तमान पीढ़ी को यह ध्यान रखना होगा।

सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी ने नीदरलैंड से आये दल को वैदिक संस्कृति, सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति व दर्शन और मूल्यों के बारे में जानकारी प्रदान की।

छात्र ब्लूम वर्जमैन ने साझा किया कि हमने परमार्थ निकेतन के विषय में जैसा सुना था हमारा अनुभव बिल्कुल सही निकला। पूज्य स्वामी जी के मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास लक्ष्य हेतु वैश्विक स्तर पर जो कार्य किये जा रहे हैं वह अनुकरणीय है।