Parmarth Gurukul Organizes Rally to Raise Awareness about Clean Water Air on Ganga Pakhwada

The Acharyas, Rishikumars, and Sevaks of Parmarth Niketan united as a force of transformation during the vibrant Ganga Pakhwada!

Today’s mission? To rally ignite a powerful wave of awareness about the precious gifts of clean water especially for our sacred rivers.

Beginning with their passionate slogans and sacred chants, the rally moved to the banks of Maa Ganga where a special meditation on this sacred Goddess was held to foster an ever deeper connection with Her.


इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्कायस’ (नील गगन के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस)*

* परमार्थ गुरूकुल के आचार्यो और ऋषिकुमारों ने स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु के प्रति जनसमुदाय को जागरूक करने हेतु निकाली रैली*

* स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने प्रकृति को समर्पित पारम्परिक जीवन शैली अपनाने का दिया संदेश*

ऋषिकेश, 7 सितम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानन्द सरस्वती जी ने आज ‘इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्कायस’ के अवसर पर प्रकृति को समर्पित पारम्परिक जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया।

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर विपरीत प्रभावों को देखते हुए यूनाइटेड नेशन एनवायरनमेंट प्रोग्राम (यूनईपी) द्वारा 19 दिसंबर, 2019 को संकल्प पारित कर 7 सितंबर को ‘इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्कायस’ दिवस आयोजित करने का संकल्प लिया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते वायु प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन के कारणों से आम जनता को जागरूक करने हेतु अधिकतम लोगों की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मजबूत साझेदारी तथा साझा जिम्मेदारी की तत्काल आवश्यकता है। घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण मानव और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य पर सीधे प्रभाव डालता है। हम सभी इस वातावरण में व्याप्त समान वायु ही साझा करते हैं और उसमें सांस लेते हैं, इसलिये हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने वातावरण की रक्षा करें और सभी के लिए स्वस्थ वायु सुनिश्चित करें।

वर्तमान समय में वैश्विक आबादी की 99 प्रतिशत जनसंख्या प्रदूषित वायु में सांस लेती है अर्थात लगभग पूरी आबादी इसलिये प्रदूषण को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

हमारे वातावरण व हमारी वायु को स्वच्छ करने और हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करने में हर किसी की भूमिका और योगदान जरूरी है सभी मिलकर कोशिश करें तो और हर कोई इससे लाभान्वित हो सकता है क्योंकि स्वच्छ हवा सहित एक सुरक्षित, स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ वातावरण, मानव अधिकारों का अभिन्न अंग है। .

आज के दिवस का मुख्य उद्देश्य सभी स्तरों यथा- व्यक्ति, घर, समुदाय, निगम और सरकार आदि सभी स्तरों पर प्रदूषित हो रही वायु के प्रति जागरूकता बढ़ाना होगा क्योंकि यह स्वच्छ हवा, स्वास्थ्य, उत्पादकता, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, संपूर्ण विश्व का लगभग 92 प्रतिशत हिस्सा वायु प्रदूषण से होने वाले खतरे का सामना कर रहा है, जिससे प्रत्येक वर्ष अनुमानतः 7 मिलियन लोगों की मृत्यु समय से पहले हो जाती है। वायु में अवांछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे अस्थमा, सर्दी, आँखों में जलन, श्रवण शक्ति कमजोर होना, त्वचा रोग आदि बीमारियाँ पैदा होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा का खतरा बढ़ता जा रहा है, जिससे पेड़-पौधे, भवनों व ऐतिहासिक इमारतों व विरासतों को भी नुकसान हो रहा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण सतत् विकास के लिये एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है, क्योंकि यह मानव विकास से संबंधित विभिन्न सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक मानदंडों जैसे- अच्छा स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, जलवायु स्थिरता और गरीबी में कमी आदि को प्रभावित करता है।

स्वामी जी ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है परन्तु इसके लिये सभी हितधारकों,, आम नागरिकों, निजी कंपनियों और सरकार आदि को मिलकर एक साथ एक मंच पर आकर कार्य करना होगा नहीं तो हमारे बच्चे स्कूल बैंग की जगह आॅक्सीजन सिलेन्डर लेकर घूमने को मजबूर हो सकते हैं।

गंगा पखवाड़ा और ‘इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्कायस’ के अवसर पर परमार्थ निकेतन के आचार्यों, ऋषिकुमारों और सेवकों ने रैली निकाली। इस अवसर पर आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, आस्ट्रेलिया से रोहन मैकलेरन, स्पेन से जेम्मा, इटली से फेडेरिका, कनाडा से पटृी, मुस्कान, मयूरी और ऋषिकुमारों ने अद्भुत योगदान दिया।