National Women’s Day Message

ऋषिकेश, 13 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने आज भारत की कोकिला सरोजनी नायडू जी के जन्मदिवस पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अनेक भारतीय महिलाओं ने अपना योगदान प्रदान किया हैं। उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय समाज एक सशक्त समाज है और यही इसका अमूर्त पहलू भी है। भारत में महिला सशक्तिकरण भारतीय समाज एवं संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान निभाने वाली सरोजनी नायडू जी एक कवयित्री थी। अत्यंत मधुर स्वर में अपनी ही कविताओं का पाठ करने के कारण उन्हें भारत की कोकिला कहा जाता था।

सरोजिनी नायडू जी ने 13 वर्ष की आयु में ” लेडी ऑफ दी लेक “ नामक कविता की रचना की। सरोजिनी जी की कविता ” बर्ड ऑफ टाइम “ तथा ”ब्रोकन विंग“ ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री का पुरस्कार प्रदान किया। सरोजिनी नायडू का ”मेहर मुनीर फारसी“ नाटक सुप्रसिद्ध था। उनकी प्रथम कविता-संग्रह ”द गोल्डन थ्रेशहोल्ड“ सन 1905 ई० में प्रकाशित हुआ, जो आज भी पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

भारत को आजादी मिलने के बाद वर्ष 1947 को उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य का गवर्नर बनाया गया था। वे भारत की पहली महिला गवर्नर थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश सेवा हेतु न्यौछावर कर दिया। वह हमेशा महिलाओं के अधिकारों के लिए कार्य करती रही तथा हमेशा महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रयास करती रही। सरोजनी नायडू जी भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण हैं।

भारत में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू जी की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह हमारे देश की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा थी। उन्होंने महिलाओं की मुक्ति के लिए चितंन किया, उनकी परेशानियों को समझा और जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया। उन्होंने राजनीतिक और विधायी निकायों में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अन्याय को देखा और 1917 में महिला भारतीय संघ की स्थापना हेतु सहयोग प्रदान किया। आज उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धाजंलि और उनकी राष्ट्रभक्ति को नमन।