National Poet Sangam Ninth National Convention

HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji, Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswatiji, our Acharyas and Rishikumars and our entire Parmarth Parivar were glad to welcome the brilliant luminaries from the National Poet Sangam Ninth National Convention to the holy banks of Mother Ganga for our Sacred Aarti and a divine Kavi Sammelan at the feet of Lord Shiva!

परमार्थ गंगा तट पर बही काव्य की धारा
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के 70 वें अवतरण दिवस के अवसर पर परमार्थ गंगा तट पर कवि सम्मेलन का आयोजन
राष्ट्रीय कवि संगम नवम राष्ट्रीय अधिवेशन
सूत्र वाक्य -राष्ट्र जागरण हमारा धर्म

राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम श्री जगदीश मित्तल जी, ओज कवि श्री हरिओम पवांर जी, राष्ट्रीय महामंत्री, डा अशोक बन्ना जी, पूर्व विधायक रूड़की, श्री सुरेश जैन जी , श्रेत्रीय अध्यक्ष, श्री अशोक गोयल जी, श्री श्रीकान्त श्री, क्षेत्रीय महामंत्री, प्रांतीय अध्यक्ष श्री अशोक कुमार बिन्डलास जी पधारे परमार्थ निकेतन

भारत को प्लास्टिक बाॅटल फ्री करने का संकल्प
मार्मिक संदेशों को पहुंचाने में कवितायें सबसे श्रेष्ठ माध्यम –
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 12 जून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में राष्ट्रीय कवि संगम के पदाधिकारियों ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के 70 वें अवतरण दिवस के अवसर पर आयोजित सेवा महोत्सव में परमार्थ गंगा तट पर विख्यात कवियों ने काव्य की दिव्य धारा प्रवाहित की। राष्ट्रीय कवि संगम के विशिष्ट कवियों ने अपनी कविताओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। परमार्थ गंगा आरती में टाटा सन्स श्री तन्मय चक्रवर्ती भी उपस्थित रहे।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक बाॅटल फ्री करने हेतु कविता पाठ करना अत्यंत आवश्यक है।

स्वामी जी ने कहा कि हम इस समय 21 वीं सदी में जी रहे हैं, विकास और समृद्धि के युग में जी रहे हैं, ऐसे समय में आज भी भारत में कई स्थानों पर बेटियों को जन्म से पूर्व ही मार दिया जाता है। वर्तमान समय में भी हमारे आशीर्वाद में पुत्रवती भव की कामना की जाती है। मुझे लगता है अब समय आ गया है कि हम अपने आशीर्वाद में पुत्रीवती भव की कामना और प्रार्थना शुरू करें क्योंकि पुत्री देवी के समान है ‘पुत्री देवी भव’ और इसके लिये जनसमुदाय को जाग्रत करना अत्यंत आवश्यक है। कवितायें लोगों के दिलों तक पहुंचती है इसलिये ऐसे मार्मिक संदेशों को पहुंचाने में कवितायें सबसे श्रेष्ठ माध्यम हो सकती हंै।

राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम श्री जगदीश मित्तल जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी का मार्गदर्शन, संरक्षण और आशीर्वाद राष्ट्रीय कवि संगम के कवियों को हमेशा प्राप्त होते रहता है। स्वामी जी ने हमें पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के लिये कविता पाठ करने का संदेश दिया था जिसके पश्चात राष्ट्रीय कवि संगम के मंच से पौधा रोपण के लिये अनेक कविताएं लिखी गयी। अब आज इस दिव्य मंच से कन्या भ्रूण हत्या पर कविता पाठ करने का संकल्प लेते है।

डा अशोक बत्ता जी – जिन्दगी जितनी शीतलता से चलती है पर एक आग भी चाहिये इस जिन्दगी को चलाने के लिये।

देहरादून से महिमा श्री, सरस्वती वंदना – मां के चरणों में मैं तो करूं वन्दना, हे मां शारदे मैं करूं वन्दना। मैं भी दर पर तेरे सर झुकाये खड़ी। तेरे आंचल से उज्वल मेरा भाग्य हो
बुन्देलखंड से आये कवि अजय अन्ज़ाम – शेर पर सवार होकर शेर ने लड़ा था युद्ध ऐसे थे हमारे महाराणा प्रताप। बस एक धर्म है देश का तुम इसके अनुयायी हो लो।
राष्ट्रीय कवि संगम मंच से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी कवियों को स्टील की बाॅटल का उपहार देकर भारत को प्लास्टिक बाॅटल फ्री करने का संकल्प कराया।