Environmental dialogue hosted by India’s Panchjanya magazine

President of Parmarth Niketan, HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji – Muniji; Union Minister of Road Transport and Highways, Shri Nitin Gadkariji; Major Environment Activity, Shri Gopal Arya ji, Former Union Minister, Shri Suresh Prabhuji, Union Minister of Forest, Environment, Labor and Employment, Shri Bhupendra Yadav ji, Former Information and Broadcasting Minister, Shri Prakash Javadekarji, Forest Minister, Goa Shri Vishwajit P RANEji and other distinguished guests participated in an environmental dialogue hosted by India’s Panchjanya magazine to create and celebrate Panchtattva – a culture of environmental protection!

बात भारत की पांचजन्य साप्ताहिक प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष पर आयोजित पर्यावरण संवाद में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने किया सहभाग
पंचतत्व -संस्कृति पर्यावरण संरक्षण की

पर्यावरण संवाद में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, केन्द्रीय मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग, श्री नितिन गड़करी जी, प्रमुख पर्यावरण गतिविधि, श्री गोपाल आर्य जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, श्री सुरेश प्रभु जी, केन्द्रीय मंत्री वन, पर्यावरण, श्रम एवं रोजगार, श्री भूपेंद्र यादव जी, पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री, श्री प्रकाश जावड़ेकर जी, वन मंत्री, गोवा श्री विश्वजीत राणे जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने किया सहभाग

पांचजन्य की महाभारत से महान भारत की यात्रा
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 15 जून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने बात भारत की पांचजन्य साप्ताहिक प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष पर आयोजित पर्यावरण संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर आह्वान किया कि भारत को भारत की दृष्टि से देखने का समय आ गया है। पांचजन्य की यह यात्रा महाभारत से महानभारत तक की यात्रा है।

पांचजन्य और अन्य आर्गनाइजर्स द्वारा दिल्ली में आयोजित पर्यावरण संवाद को सम्बोधित करते हुये स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण सबसे प्रमुख विषय है उस पर चिंतन और मंथन होना नितांत आवश्यक है।

स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में पांचजन्य को नई दृष्टि से बजाने की जरूरत है। पांचजन्य कुरुक्षेत्र में बजा था, वहां महाभारत हुयी और आज फिर पांचजन्य बजेगा परन्तु अब महानभारत बनाने के लिये बजेगा। यह यात्रा महाभारत से महानभारत तक की यात्रा है, तब केवल कुरुक्षेत्र में पांचजन्य बजा था लेकिन अब हर घर में बजेगा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि एक समय था जब महाभारत के लिये पांचजन्य बजा अब महान भारत के लिये पांचजन्य बज रहा है और ये इसलिये भी जरूरी है कि पर्यावरण का पांचजन्य बजेगा तो पक्का माने हमारी संस्कृति बचेगी, प्रकृति बचेगी और संतति बचेगी। हमारा कल्चर बचेगा, नेचर बचेगा और फ्यूचर बचेगा इसलिये यह पांचजन्य हमेशा बजता रहे।

स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने जल स्रोतों और पर्यावरण के प्रति सेंस आफ बिलॉन्गिंगनेस की जरूरत है। अब समय आ गया है कि जल चेतना, जन चेतना बने, जल जागरण, जन जागरण बने, जल क्रान्ति, जन क्रान्ति बने तथा जल आन्दोलन जन आन्दोलन बने। उन्होंने सभी का आह्वान करते हुये कहा कि हम सभी को अपने स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा क्योंकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ होगा तभी हम और हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरिक्षत रह सकती हैं।

स्वामी जी ने माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गड़करी जी को रूद्राक्ष का पौधा भेेंट करते हुये पांचजन्य की पूरी टीम को साधुवाद दिया तथा परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु सभी को आमंत्रित किया।