Mumbai’s The Rescue Foundation Visits Parmarth Niketan

The Divine Shakti of Mumbai’s The Rescue Foundation returned Home to Parmarth Niketan with the blessing of HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji for a beautiful, empowering and uplifting 3-day retreat that featured yoga, meditation, discourses, prayers and puja – all designed to offer them a much-deserved life-change!

As Pujya Swamiji so eloquently shared, “Life can and will be rebuilt in a spiritual environment!”


परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में द रेस्क्यू फाउंडेशन, मुम्बई से 70 से अधिक बच्चियाँ आयी। वे परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में योग, ध्यान, यज्ञ, सत्संग और मोटिवेशनल कक्षाओं का आनन्द ले रही हैं। पूज्य स्वामी जी के दर्शन और परमार्थ निकेतन गंगा आरती उनके लिये अद्भुत आकर्षण का केन्द्र है।

परमार्थ निकेतन विगत कई वर्षो से द रेस्क्यू फाउंडेशन की बच्चियों को अनेक प्रकार से सहायता, सुरक्षा और सहयोग प्रदान कर रहा है।

त्रिवेणी आचार्य जी दृढ़ संकल्पित होकर युवा लड़कियों के बचाव में सलंग्न हैं। त्रिवेणी आचार्या जी ने अपने संगठन द रेस्क्यू फाउंडेशन के माध्यम से बाल तस्करी के 4,000 से अधिक पीड़ितों को बचाने का साहसपूर्ण कार्य किया हैं तथा यह यात्रा अभी भी जारी हैं। उनके नेतृत्व में बच्चियों को स्वास्थ्य देखभाल, कानूनी सहायता, परामर्श, पोषण, पौष्टिक भोजन और मनोवैज्ञानिक परामर्श और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि रेस्क्यू फाउंडेशन बच्चियों के लिये एक सुरक्षित और समर्थित घर हैं जहां पर बच्चियों को अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने का अवसर प्राप्त हो रहा हैं।

स्वामी जी ने कहा कि भारत अपने इतिहास और संस्कृति के कारण पूरे विश्व में एक विशेष स्थान रखता है। समाज के मानव संसाधन को लगातार बेहतर, मजबूत व सशक्त किया जा रहा है। कोई समाज कितना मजबूत है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां पर स्त्रियों की दशा कैसी हैं क्योंकि स्त्रियां समाज की आधी आबादी हैं। बिना इन्हें साथ लिए कोई भी समाज अपनी संपूर्णता के लिये बेहतर नहीं कर सकता है। प्राचीन काल से ही स्त्री हर संस्कृति के केंद्र में रही है परन्तु कई मामलों मेें वह केन्द्र में होकर भी केंद्र से दूर है।

स्वामी जी ने सभी का आह्वान करते हुये कहा कि नारियां अपनी बेहतरी और सशक्तता की ओर बढ़ रही हैं, परन्तु उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वे भोग की वस्तु नहीं है। नारियों ने अपने अधिकारों के लिये अपना रास्ता बनाया है अब बस जरूरत है तो उन्हें अवसर प्रदान करने की; सम्भावनाओं के द्वार खोलने की और सम्माननीय जीवन जीने देने की।

द रेस्क्यू फाउंडेशन की बच्चियों ने परमार्थ निकेतन का अनुभव साझा करते हुये कहा कि परमार्थ निकेतन अत्यंत दिव्य, सुन्दर और सौन्द्रर्य से युक्त है, अपार आत्मियता है,ं यहां पर हमें तो लगता है हम अपने पीहर लौट कर आये हैं, घर से भी बढ़कर अपनत्व वाला घर है परमार्थ निकेतन। लगता है कि बस यही रह जाये, पूरी तरह से यही चले आये, कहां मिलेगा ऐसा स्वर्ग, कितनी अद्भुत अनुभूतियाँ एक के नहीं बल्कि सब के यही अनुभव थे।

परमार्थ निकेतन में बच्चियों को प्रातःकाल योग, यज्ञ, सत्संग, ध्यान, मोटिवेशनल सम्बोधन, विभिन्न विषयों पर पूज्य स्वामी जी और विशेषज्ञों का का उद्बोधन को साथ उन्हें यहां पर दिव्य आध्यात्मिक वातावरण प्राप्त हो रहा है। यहां पर रहकर बच्चियाँ अत्यंत उत्साहित और प्रसन्न है।