Message on World No Tobacco Day

आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने संदेश दिया ‘नशा’ नाश करता है इसलिये नशे से अपना नाता तोडं़े और जिन्दगी से रिश्ता जोड़ें। जिन्दगी चुनंे, तंबाकू नहीं, जीवन चुनें, जहर नहीं।

तंबाकू सेवन के घातक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन गंगा तट पर सीमा डेन्टल काॅलेज के छात्रों और परमार्थ निकेतन गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने नूक्कड़ नाटक के माध्यम से जनसमुदाय को जागरूक करते हुये तंबाकू महामारी से होने वाली मृत्यु तथा बीमारियों पर सबका ध्यान आकर्षित किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि तंबाकू का न केवल मानव शरीर पर बल्कि पर्यावरण पर भी तंबाकू उद्योग का हानिकारक व व्यापक रूप से प्रभाव पड़ता है, जिससे हमारे ग्रह पर उपस्थित “दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित हो रहे हैं और पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित हो रहा है”।

तंबाकू की लत से विकलांगता और मौत के आंकड़ों में वृद्धि हो रही हैं। तंबाकू के सेवन से हर वर्ष लाखों लोगों की मौत होती है। भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 35 मिलियन मौतें तंबाकू के सेवन की वजह से होती हैं और भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश भी है। विश्व स्तर पर प्रत्येक वर्ष लगभग 80 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू के सेवन से होती है, जिनमें 5 लाख भारतीय शामिल हैं। धूम्रपान कैंसर, दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और पेरिफेरल वैस्कुलरडिजीज से मौत का कारण बनता है।

विश्व में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है। महिलाओं को अतिरिक्त खतरों का सामना करना पड़ता है जैसे- प्रतिकूल गर्भावस्था के परिणाम, महिलाओं में विशेष प्रकार के कैंसर जैसे- स्तन, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम में वृद्धि होती हैं।

तंबाकू से एक वर्ष में 84 मेगा टन से अधिक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है। सिगरेट के बट्स व एकल उपयोग वाले जैव अनिम्नकरणीय पाउच और ई-सिगरेट के माइक्रोप्लास्टिक द्वारा मृदा में विषाक्त पदार्थों के मिश्रण के कारण यह मृदा एवं जल को दूषित करता है। सिगरेट बनाने के लिये जल की बहुत अधिक मात्रा का उपयोग किया जाता है फलस्वरूप यह अत्यधिक जल का दोहन करता है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि तंबाकू का सेवन न करने हेतु जनसमुदाय को जागरूक करना होगा। उन्होंने सभी को संकल्प कराया कि नशा जीवन का नाश करता है इसलिये सभी प्रकार के नशे से दूर रहें। स्वामी जी ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अगर जीवन से है प्यार तो तम्बाकू का करे बहिष्कार; जिन्दगी चुनो तम्बाकू नहीं क्योंकि तंबाकू या जीवन दोनों में से एक को ही चुना जा सकता है। जीवन है तो सब कुछ है। अक्सर देखा गया है कि सिगरेट पीने वालों को लगता है कि मैंने, सिगरेट सुलगायी है, परन्तु सच तो यह है कि सिगरेट जलाने वालों के जीवन को सिगरेट हर पल बुझाती रहती है। खुद तो जलती है पर पीने वाला बुझना शुरू हो जाता है इसलिये सिगरेट मजा नहीं बल्कि सजा है। याद रखे कि तम्बाकू केवल कैंसर ही नहीं लाता बल्कि दिल की धड़कन को भी रोक देता है इसलिये जिन्दगी चुनें तंबाकू नहीं क्योंकि भगवान ने गिनती की साँँसे दी हैं, एक सिगरेट पीने से एक सांस कम हो जाती है, एक बीड़ी पीने से दो सांसे कम हो जाती है और एक पैकेट गुटका खाने से चार सांसे कम हो जाती है इसलिये नशे को बाय-बाय करें और जीवन को चुनें क्योंकि जान है तो जहान है इसलिये ऐसा रास्ता चुनें जो सुरक्षित हो; सही हो और जीवन देने वाला हो इसलिये जिन्दगी चुनें नशा नहीं।