Message on International Universal Health Coverage Day

अंतर्राष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस

पर्यावरण सरंक्षण हेतु जैव विविधता आवश्यक

पृथ्वी हमारे जीवन, अस्तित्व और समृद्धि का आधार

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज अंतर्राष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस के अवसर पर एक सार्वभौमिक मानव अधिकार के रूप में स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण बनाये रखने का संकल्प कराया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि इस धरा पर प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रहने का अधिकार है परन्तु जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गिरावट सम्पूर्ण मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बनते जा रहा हैं।

स्वामी जी ने कहा कि पर्यावरण सरंक्षण हेतु जैव विविधता आवश्यक है क्योंकि जैव विविधता प्रकृति में हर उस चीज का समर्थन करती है जिसकी हमें जीवित और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है। हमें अपनी दिनचर्या में पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली को बढ़ावा देना होगा।

स्वामी जी ने कहा कि पृथ्वी हमारे जीवन, अस्तित्व और समृद्धि का आधार है। ग्लोबल वार्मिग और जलवायु परिवर्तन के कारण हमारी पृथ्वी आज जिस स्थिति में पहुँच गई है, उसे वहाँ पहुँचाने के लिये हम स्वयं ही जिम्मेदार हैं। हमें यह ध्यान रखना होगा कि पृथ्वी केवल उपभोग की वस्तु नहीं है बल्कि वह सम्पूर्ण मानवता का आधार है।

हमने अपनी जीवनशैली के कारण पर्यावरण को लगभग बर्बाद कर दिया है, जिसके कारण सार्वभौमिक स्वास्थ्य की कल्पना करना मुश्किल है। हमें पर्यावरण संरक्षण और जैवविविधता को बनाये रखने के लिये बदलाव की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे तथा पर्यावरण स्वच्छता और संरक्षण में योगदान देना होगा।

हम आज जिस हवा में साँस लेते हैं वह काफी शहरों में इतनी दूषित हो चुकी है कि प्रतिवर्ष लाखों लोग वायु प्रदूषण से काल के गाल में समा जाते हैं। हमारी जीवनदायिनी नदियाँ प्रदूषण, कूड़े-कचरे और गंदे पानी के कारण विलुप्त होने की कगार पर हैं। कटते पेडों के कारण हमारे वनों पर भी खतरा मंडरा रहा है। हम सभी जानते हैं कि अपना पर्यावरण बचाने के लिये हमें प्लास्टिक का उपयोग कम करना होगा तथा अपने पर्वों, त्यौहारों और उत्सवों के अवसर पर पौधों का रोपण करना होगा अन्यथा हम अपने अस्तित्व के साथ पृथ्वी के अस्तित्व को भी दाँव पर लगा रहे हैं।

वर्तमान में दुनिया भर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार करने के उद्देश्य से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के संदर्भ में एकल स्वास्थ्य की सबसे ताकतवर अवधारणा है। संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में वर्णित लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।