High Commissioner of Fiji Shri Kamlesh Shashi Prakashji Visits Parmarth Niketan

परमार्थ निकेतन में फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त श्री कमलेश शशि प्रकाश जी पधारे

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंटकर लिया आशीर्वाद

साध्वी भगवती सरस्वती जी के सत्संग में सहभाग कर हुये गदगद

विश्व शान्ति हवन और गंगा जी आरती में किया सहभाग

अपनी गौरवशाली संस्कृति से जुड़ें रहें-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

ऋषिकेश, 18 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त श्री कमलेश शशि प्रकाश जी को भारत में उच्चायुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति पर शुभकामनाएं देते हुये कहा कि भारत और फिजी के बीच अत्यंत मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं मुझे लगता है आपके आने से दोनों राष्ट्रों के संबंध और शांतिपूर्ण और समृद्धि से युक्त होंगे।

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और उच्चायुक्त श्री कमलेश शशि प्रकाश जी ने युवाओं में भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को रोपित करने के साथ फिज़ी में परमार्थ निकेतन की शाखायें खोलने और भारतीय संस्कृति के प्रसार के लिये उन्होंने पूज्य स्वामी जी को आमंत्रित किया।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि श्री कमलेश शशि प्रकाश जी का विश्व शान्ति हवन में सहभाग करना और भारतीय संस्कृति के प्रति उत्सुकता यह दर्शाता है कि 150 वर्ष पूर्व फिज़ी गये भारतवासियों ने अब भी अपनी दिव्य संस्कृति को सहेज कर रखा हैं। श्री कमलेश जी की भारतीय संस्कृति में जो आस्था और निष्ठा है यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है, ऐसे अनेक उदाहरण हैैै, जो आज भी भारतीय संस्कृति को जी रहे हैं तथा फिज़ी में भी भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाये रखा है। वहां पर लगभग हर घर में हनुमान चालीसा, श्री रामचरित्र मानस का पाठ और मंत्रों का गान होता है। फिज़ी वासी आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हुये है और भारतीय संस्कृति को जी रहे हैं।

पूज्य स्वामी जी ने भारतीय युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अपनी गौरवशाली संस्कृति से जुड़ें रहे, अपनी जड़ों से जुड़ें, तथा अपने घरों में श्रीमद् भगवत गीता, हनुमान चालीसा और रामायण का पाठ अवश्य करें ताकि युवा पीढ़ी में सत्संग की प्रवृति और संस्कार बढ़ते रहे।

फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त श्री कमलेश शशि प्रकाश जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन की यात्रा मेरी सबसे यादगार यात्राओं में से एक है। पूज्य स्वामी जी से निवेदन है कि फिज़ी में भी परमार्थ निकेतन की शाखायें खोली जाये ताकि वहां पर भी संस्कृत की शिक्षा और भारतीय संस्कृति का ज्ञान युवाओं को मिल सकें। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी जी का सान्निध्य, आशीर्वाद, साध्वी भगवती सरस्वती जी के सत्संग और माँ गंगा जी की आरती अत्यंत आनन्ददायक था।

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने रूद्राक्ष का दिव्य पौधा देकर उच्चायुक्त श्री कमलेश शशी प्रकाश जी का अभिनन्दन किया।