Heartfulness Foundation Participates in Parmarth Ganga Aarti

परमार्थ निकेतन में हार्टफुलनेस फाउंडेशन से डॉ. वेरोनिक निकोलाई, एमडी, निदेशक, हार्टफुलनेस योग अकादमी, राष्ट्रीय संयोजक, हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट, योग गतिविधियाँ के मार्गदर्शन में हार्टफुलनेस फाउंडेशन के सदस्यों का एक दल आया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंट कर गंगा आरती में सहभाग किया। साथ ही योगाचार्य गंगा नन्दिनी जी द्वारा संचालित योग की कक्षाओं में भी सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी आवश्यकता शान्ति, करूणा और सद्भाव की है। युवाओं को योग और ध्यान से जोड़कर विलक्षण परिवर्तन किया जा सकता है क्योंकि वैश्विक शान्ति की स्थापना हेतु योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

युवाओं की ऊर्जा को सही व सकारात्मक दिशा में लगाने के लिये योग, ध्यान व आध्यात्मिक गतिविधियाँ अत्यंत आवश्यक है, इसके माध्यम से नये दृष्टिकोण प्राप्त किये जा सकते हंै। युवाओं के पास सबसे बड़़ा पावर है उनकी अदृम्य ऊर्जा, उनकी ऊर्जा को रचनात्मकता व सकारात्मकता की दिशा में मोड़ने के साथ उन्हें मार्गदर्शन और ज्ञान की आवश्यकता होती है। युवाओं को श्रेष्ठ चितंन, सकारात्मक दिशा और करूणा का संदेश देने के लिये उन्हें ध्यान व योग से जोड़ना जरूरी है।

स्वामी जी ने कहा कि वैश्विक शान्ति की स्थापना के लिये आंतरिक शांति, भीतर की शान्ति, हृदय में शांति और सद्भाव जरूरी है जो हमें स्वीकृति की ओर ले जाता है। दूसरों से दिल से जुड़ने के लिये योग कारगर है क्योंकि योग का तात्पर्य ही है जुड़ना और जोड़ना। ध्यान के माध्यम से मानसिक शान्ति प्राप्त कर आपसी मतभेदों को दूर कर मित्रता स्थापित कर सकते हैं। योग व्यक्ति को स्वयं और समष्टि दोनों से जोड़ता है।

डॉ. वेरोनिक निकोलाई ने कहा कि पूज्य स्वामी जी ने योग, ध्यान और गंगा आरती को पर्यावरण से जोड़कर जनसमुदाय के व्यवहार में परिवर्तन लाने हेतु अद्भुत कार्य किया है। योग की शक्ति को प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण हेतु लगाने का आह्वान अद्भुत व अनुकरणीय है। पूज्य स्वामी जी का प्रत्येक संदेश प्रकृति के साथ सौम्य व्यवहार करने का संदेश देता है जिसकी वर्तमान समय में सबसे अधिक जरूरत है।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हमारे पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना और प्राकृतिक दुनिया को संरक्षित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना ही वास्तव में मानवता का कार्य है। परमार्थ निकेतन में विश्व के अनेक देशों से पर्यटक आते हैं, यहां रहकर योग, ध्यान, गंगा आरती व सत्संग में सहभाग कर अपने जीवन को धन्य बनाने के साथ अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश लेकर जाते है।

सभी ने मिलकर विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया, स्वामी जी ने डॉ. वेरोनिक निकोलाई को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।