Famous Bhajan Singer Shri Anup Jalota Visits Parmarth Niketan

परमार्थ निकेतन में आज सुप्रसिद्ध भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी पधारे। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शंख ध्वनि व पुष्प वर्षा कर भजन सम्राट का अभिनन्दन किया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर गंगाजी की आरती में सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी एक शिखर पुरुष है; विलक्षण भजन गायक है, जिनके भजन न केवल भारत बल्कि विश्व के अनेक देशों में भी सुने जाते हैं। उन्होंने भक्ति संगीत की अद्भुत गंगा प्रवाहित की है। उनके द्वारा गाये भजनों की कीर्तिपताका पूरे विश्व में लहरा रही है। उन्होंने भजनों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को एक नई ऊँचाई प्रदान की है। अनूप जी परमार्थ परिवार के विशेष सदस्य हैं। उनका ही नहीं बल्कि उनके पिताश्री श्री पुरूषोत्तम दास जलोटा जी का भी संबंध परमार्थ निकेतन से बहुत प्रगाढ़ था।

स्वामी जी ने कहा कि भारत में संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। विश्व के बहुत कम देश ऐसे होंगे जहां पर संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्ध परम्परा हो। भारत में सनातन संस्कृति से ही वैदिक संगीत, भजनों और मंत्रों के उच्चारण के द्वारा ईश्वर की पूजा और अर्चना की परम्परा रही है। भारतीय संगीत के इतिहास के महान संगीतकार जैसे स्वामी हरिदास, तानसेन, अमीर खुसरो आदि ने भारतीय संगीत को अद्भुत ऊँचाईयों तक पहुंचाया हैं। वर्तमान समय में भजन सम्राट अनूप जलोटा जी इस अद्भुत परम्परा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं।

स्वामी जी ने कहा कि सर्वशक्तिमान प्रभु के स्मरण का सबसे उत्तम माध्यम है भजन। मीराबाई ने दिखा दिया कि श्रद्धापूर्वक अपने आराध्य के लिये भजन गा कर भी प्रभु को प्राप्त किया जा सकता है। मीराबाई ने श्री कृष्ण की भक्ति के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। मीराबाई के हर भजन में श्री कृष्ण की भक्ति छलकती हैं। आईये हम इन दिव्य भजनों के माध्यम से प्रभु की भक्ति में लीन हो जाएं।

सुप्रसिद्ध भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी ने कहा कि मुझ पर परम पूज्य स्वामी जी महाराज की विशेष कृपा है। अभी पश्चिम की धरती पर मेरे जन्मदिन के अवसर पर मुझे महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। परमार्थ निकेतन गंगा तट पर भजन संध्या का आयोजन मेरे लिये परम सौभाग्य का विषय है क्योंकि यहां पर माँ गंगा का संगीत और भजनों की गूंज एक होकर दिव्य वातावरण और परम आनन्ददायक संगीत का निर्माण करती है।

परमार्थ निकेतन गंगा तट पर वाशिम, महाराष्ट्र से आयी श्रीमती पद्मावती सोमाणी जी और सोमाणी परिवार ने इस दिव्य सहस्त्र चन्द्र दर्शन उत्सव का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी के मंत्रमुग्ध कर देने वाले भजनों का सभी ने आनन्द लिया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्री अनूप जलोटा जी और प्रभु दर्शन भजन संध्या आयोजक परिवार को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। सभी ने दिव्य गंगा आरती का आनन्द लिया।