विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस पर संदेश

मानवतावादी चिंतक स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि

अपनी विरासत पर गर्व करें तथा अपने मूल, मूल्यों और संस्कृति से जुड़े

वैश्विकरण के इस युग में युवाओं की क्षमता का दोहन नहीं संर्वद्धन

अध्यात्मवादी और वैज्ञानिक सोच के पुरोधा स्वामी विवेकानन्द जी

वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी शिक्षा हो युवाओं का ध्येय

ऋषिकेश, 12 जनवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज मानवतावादी चिंतक स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि वे अध्यात्मवादी और वैज्ञानिक सोच के पुरोधा थे।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने युवाओं के प्रेरणास्रोत्र स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर कहा कि युवाओं को अपने मूल, मूल्य और संस्कृति से जुडना होगा तथा अपनी सफलता के लिये समर्पण भाव से आगे बढ़ाना होगा।

स्वामी विवेकानन्द जी ने जीवन के बड़े ही सरल और सहज सूत्र दिये। उनका चितंन नौजवानों में जोश, ऊर्जा, एक नया उत्साह और नई उमंग पैदा कर सकता है, वास्तव में आज भारत को ऐसे ही साहसी और एकाग्रता से पूर्ण नौजवानों की जरूरत है। स्वामी जी ने कहा कि जो चट्टानों से टकराये उसे तुफान कहते है और जो तुफानों से टकराये उन्हें नौजवान कहते है और यह तभी सम्भव है जब हमारे देश के युवा लगनशील हो, अपने कार्यों के प्रति ध्यान केन्द्रित हांे, एकाग्रचित हांे, जागरूक हों, अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान एवं समर्पित हांे, तो वह राष्ट्र उन्नति के शिखर छू सकता है युवाओं को भविष्य की चुनौतियों से निपटने, अवसरों को पहचानने, खुद पर भरोसा रखने हेतु निष्ठा से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना होगा।

स्वामी जी ने कहा कि आज विश्व को ऐसे चितंनशील युवाओं की जरूरत है जो धर्म को साहित्य में न खोजें बल्कि प्रत्येक प्राणी के हृदय में अनुभव करें, ऐसे करूणावान युवा जो हृदय से पवित्र हों, धैर्यवान हों और उद्यमी हांे तथा अहम और वहम से दूर होकर वयं से जुड़े। हमारे युवाओं का चिंतन हो कि मेरे लिये क्या नहीं बल्कि मेरे थ्रू क्या, यही मंत्र हमारे राष्ट्र को उन्नति के पथ पर ले जा सकता है और यही युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हो सकता है।

स्वामी विवेकानन्द जी के संदेशों को आत्मसात कर एक बेहतर कल का निर्माण कर सकते हंै। सशक्त युवा ही सशक्त समाज का निर्माण कर सकता है। जब युवा सशक्त होगा तो देश समृद्ध होगा इसलिये हमारे देश के युवा एक्टिव, इफेक्टिव, एजूकेटेड एवं कल्चर्ड बनें तथा एक स्वर्णिम भविष्य का निर्माण करें।

आज का यूथ ब्रांड की ओर आकर्षित है। हमारा युवा कपड़ों का ब्रांड, जूतों का ब्रांड देखता है परन्तु अब हमें ग्रीन ब्रांड कल्चर को विकसित करना होगा कि किस ब्रांड का कार्बन के उत्सर्जन में कितना योगदान है उसी के आधार पर डी कार्बोनाइज ब्रांड ही हमारा ब्रांड होगा। आईये आज संकल्प लें कि ग्रीन और डीकार्बोनाइज़ ब्रांड के उत्पादों का ही उपयोग करेंगे।

युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत के रूप में स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिवस, 12 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन करती है और इस महोत्सव का उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण, सांप्रदायिक सौहार्द्र तथा भाईचारे में वृद्धि करना है। इस वर्ष यह महोत्सव कर्नाटक के हुबली-धरावड़ा में आयोजित किया जा रहा है जिसकी थीम ‘विकसित युवा-विकसित भारत’ है।