परमार्थ निकेतन में आयोजित क्रिया योग प्रशिक्षण का हुआ समापन

परमार्थ निकेतन में आयोजित क्रिया योग कोर्स का समापन हुआ। विश्व के अनेक देशों से आये योग जिज्ञासुओं ने 15 दिनों तक परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में रहकर विशिष्ट योगाचार्यों के मार्गदर्शन में क्रिया योग के माध्यम से शरीर के मुख्य चक्रों के विषय में जानकारी प्राप्त की। जैसे-जैसे हम चक्रों के विषय में जानते हैं, हम अपने साथ दूसरों का, अपनी धरती का कल्याण और आत्म-संबंध स्थापित करने के साथ ही अपनी आंतरिक ऊर्जाओं से संबंध स्थापित कर उसे पुर्न-संतुलित कर जागरूक कर पाते हैं।

क्रिया योग के कोर्स के दौरान प्रतिभागियों ने प्रतिदिन प्रार्थना, प्राणायाम, पारंपरिक हठ योग आसन, वैदिक जप और सत्संग, आध्यात्मिक जिज्ञासा समाधान सहित प्रत्याहार, इंद्रिय प्रत्याहार, धारणा, एकाग्रता, ध्यान, यज्ञ, गंगा आरती के साथ-साथ 20 मुख्य क्रिया योग आसनों का अभ्यास किया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि क्रिया योग एक अद्भुत और अप्रत्याशित यात्रा है। क्रिया योग श्वास-क्रिया और आसन से शुरू होकर प्रतिभागियों को आध्यात्मिक ऊँचाईयों तक ले जाता है।

स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान क्षण से जुड़ जाना ही योग है; योग हमारी चेतना में एक नया बदलाव लाता है, इससे बुद्धि प्रखर हो जाती है और हृदय कोमल व आनन्द से भर जाता है, यही क्रिया योग है। पतंजलि साधना पथ के पहले सूत्र में उल्लेख किया गया है कि तपः स्वाध्यायेश्वरप्रणिधानानि क्रियायोगः।

क्रिया योग अर्थात कर्म का योग। हमारा पूरा अस्तित्व ही कर्म पर आधारित है क्योंकि हमारा पूरा ब्रह्माण्ड सक्रियता से ओतप्रोत हैं। पूरा अस्तित्त्व ही क्रियाशील है, चलायमान है तथा अनंत क्रियाओं से भरा हुआ है इसलिये तो कहा गया है कि कर्म की कुशलता ही योग है।

दक्षिण कोरिया से हंसोल पार्क ने कहा कि परमार्थ निकेतन में आयोजित क्रिया योग पाठ्यक्रम ने मुझे चक्रों, मंत्रों और ध्यान के गहन अध्ययन के साथ अपने योग अभ्यास को और सहज बनाने में सहायता की। क्रिया योग एक प्राचीन ध्यान की तकनीक है, जिससे हम प्राण शक्ति और अपने श्वास को नियंत्रण में ला सकते हैं। यह तकनीक एक व्यापक आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा भी है जो हमने परमार्थ आकर अनुभव किया।

भारत से चंदन बागड़े, दक्षिण कोरिया से हंसोल पार्क, आयरलैंड से सारा जेन किलकोयने और अन्य देशों के प्रतिभागियों ने सहभाग कर क्रिया योग के साथ परमार्थ निकेतन के दिव्य व आध्यात्मिक गतिविधियों का आनन्द लिया।