परमार्थ निकेतन आये आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी

परमार्थ निकेतन में आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी और डा हरिओम पवार जी आये। सभी विशिष्ट अतिथियों ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में माँ गंगाजी का पूजन, विश्व शान्ति हवन और गंगा जी की आरती में सहभाग किया। परमार्थ निकेतन गंगा तट पर देवभक्ति और देशभक्ति के अद्भुत संगम के दर्शन कर सभी अतिथि गद्गद् हुये।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहरा रहा है एवं संस्कारों व संस्कृति की गंगा को प्रवाहित हो रही रही है जिसका श्रेय हमारे महापुरूषों को जाता हैं। महापुरूषों ने जो बलिदान दिया उसका श्रेय है कि आज भारत वर्ष जीवंत और जागृत रूप से खड़ा है। सांस्कृतिक सनातन एकता और सनातन मूल्यों के लिये हमारे महापुरूषों ने अथक प्रयास किया। आज भारत को भारत की आंख से देखने की जरूरत है और इस हेतु हम सभी को प्रेरित करना होगा। हम सब मिलकर अपने कार्यों से भारत को जीवंत और जागृत बनाये रखने का संकल्प लें। हम सब के दिलों में राष्ट्रभक्ति की गंगा प्रवाहित होती रहे।

श्री इंदे्रश कुमार जी ने कहा कि इस ब्रह्मण्ड में दो संसार है एक आत्मा का एक शरीर का इन दोनों संसार में स्वर्ग और नरक है। कहा जाता है कि जननी, जन्मभूमि स्वर्ग से बढ़कर है। हमारी माता ने हमें जन्म दिया और जन्म के बाद हमें भारत माता के रूप में माता मिली, तीसरी माता हमारी धरती माता हैं। इस अवसर पर अपनी-अपनी माता, भारत माता, और धरती माता जो हम सब की माता है सब के भेद मिटाती है इनका प्रतिदिन ध्यान करें और ध्यान रखें।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया। स्वामी जी ने गंगा जी के पावन तट से सभी श्रद्धालुओं को जल और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश से न्यायमूर्ति श्री अमरनाथ केसरवानी जी ने परिवार परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।