Pujya Swamiji’s 70th Birth Anniversary Celebrations – Day 5

A great joy to welcome the Minister of State for the Ministry of Jal Shakti, Department of Water Resources, RD & GR, Shri Prahlad Singh Patel ji to the holy banks of Mother Ganga for the 6th night of Seva Celebrations honouring HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji on His Birth Anniversary! During the Aarti, Pujya Swamiji, Shri Patelji, Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswatiji – who celebrates her 50th Birthday and the anniversary of her Sannyas Diksha tomorrow! – our Acharyas and Rishikumars and our Parmarth Parivar all enjoyed a special telecast of the dance drama “Aaj Ka Vivekananda” based on the life and divine memoirs of Pujya Swamiji!

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री प्रह्लाद सिंह जी पटेल ने परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग

परमार्थ गंगा आरती के दौरान पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के जीवन और दिव्य संस्मरणों पर आधारित नृत्य नाटक ’’आज का विवेकानन्द’’ का विशेष प्रसारण

भारतीय संस्कृति, गौ, गंगा, जल शक्ति और पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री प्रह्लाद सिंह जी पटेल को गंगा अवार्ड प्रदान किया गया

उत्कृष्ट सेवा कार्यो हेतु अध्यक्ष, अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ प्रो शंकर कुमार सान्याल जी और सतत विकास हेतु श्री शिव खेमका जी, वाइस चेयरमैन, सन ग्रुप, अध्यक्ष, द ग्लोबल एजुकेशन एंड लीडरशिप फाउंडेशन (टीजीईएलएफ) एवं उर्वशी खेमका जी ‘‘गंगा अवार्ड’’ से सम्मानित

भारतीय संस्कृति विशाद से प्रसाद यात्रा
नाला और माला चले साथ-साथ
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

विकृतियों की ओर नहीं बल्कि संस्कृति की बढ़े
प्रह्लाद सिंह पटेल

ऋषिकेश, 8 जून। परमार्थ निकेतन पधारे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री प्रह्लाद सिंह जी पटेल। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शंख ध्वनि और पुष्प से माननीय मंत्री जी का दिव्य एवं भव्य स्वागत किया।

रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता के प्रो. प्रोद्युत कुमार दत्ता और उनकी टीम द्वारा परमार्थ गंगा आरती के दौरान पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के जीवन और दिव्य संस्मरणों पर आधारित नृत्य नाटक ’’आज का विवेकानन्द’’ का विशेष प्रसारण किया गया।

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के जन्म दिवस के पावन अवसर पर हिन्दुजा परिवार, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे सिन्धिया जी और देश-विदेश की विशिष्ट विभूतियों द्वारा भेजे गये संदेश स्वामी जी को समर्पित किये गये। स्वामी जी ने सभी के सुखद और उज्जवल भविष्य के लिये माँ गंगा प्रार्थना की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि “विचार व्यक्तित्त्व की जननी है, जो आप सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं” विवेकानन्द जी का यह वाक्य प्रत्येक युग के लिये प्रासंगिक है। स्वामी जी ने कहा कि युवाओं में नैतिकता, सहृदयता एवं करुणा की भावना का प्रसार करना अत्यंत आवश्यक है ताकि राष्ट्रीय एकीकरण, सांप्रदायिक सौहार्द्र तथा भाईचारे की भावना में वृद्धि होगी।

किसी भी देश का विकास, समृद्धि तथा क्षमता में वृद्धि उस देश के युवाओं के मध्य व्याप्त संस्कार और शिक्षा के स्तर से ही होता है। स्वामी जी ने देश के युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि आत्मोन्नति और चरित्र निर्माण से ही राष्ट्र का निर्माण सम्भव है। विवेकानन्द जी का सूत्र वाक्य है कि हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है और उतनी ही अधिक हमारी इच्छा शक्ति बलवती होती है इसलिये बच्चों में बाल्यकाल से ही नैतिकता और आध्यात्मिकता का विकास करना अत्यंत आवश्यक है। स्वामी जी नदियों और पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखते हुये कहा कि नाला और माला चले साथ-साथ।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री प्रह्लाद सिंह जी पटेल ने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के जीवन के ये 70 वर्ष, साधना, चेेतना और आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देने के वर्ष है। सत्संग मिलने से जीवन सफल हो जाता है। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर मुझे सपरिवार मां गंगा की गोद व पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने माननीय मोदी सरकार द्वारा मां गंगा की अविरलता और निर्मलता के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो का बड़ी ही सहजता से उल्लेख करते हुये कहा कि हमें गंगा को स्वच्छ रखने के लिये प्रातःकाल से लेकर सांयकाल तक के कार्यो का आकलन करना होगा ताकि हमारे देश में हरित और सतत विकास हो सके। हम विकृति की ओर नहीं बल्कि संस्कृति की ओर बढ़े और इसके लिये गुरू चरणों में स्वंय को समर्पित करना होगा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, मानस कथाकार संत श्री मुरलीधर जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों को रूद्राक्ष का पौधा देकर उनका अभिनन्दन किया।