Parmarth Niketan Participates in Kiva Festival in Germany

जर्मनी में आयोजित कीवा फेस्टिवल में परमार्थ निकेतन से गंगा नन्दिनी त्रिपाठी ने सहभाग कर परमार्थ निकेतन, भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर भगवान शिव को समर्पित नृत्य कर उन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कीवा फेस्टिवल में सभी प्रतिभागी अपनी-अपनी संस्कृतियों से एक-दूसरों को अवगत कराते हैं।

कीवा फेस्टिवल में विभिन्न देशों के आदिवासी व जनजातियों के प्रतिनिधि अपनी-अपनी पूजा पद्धति, ध्यान और ईश्वर आराधना जो कि वे पृथ्वी के गर्भ (भूगर्भ) में माँ की गोद मंेे बैठकर आकाश, जल, अग्नि, वायु और मृदा पांच तत्वों और चारों दिशाओं पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के विशेष प्रभावोेेेेें पर आधारित करते हैं। यह विविध परम्पराओं, संस्कृतियों और भाषाओं के आदान-प्रदान का पर्व है। यह विश्व की विभिन्न संस्कृतियांें के एकत्व अर्थात वसुधैव कुटुम्बकम्् की पर्व है।

गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, मेरे गुरु, परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी का आशीर्वाद और हमारी प्राचीन विरासत के साथ जर्मनी के म्यूनिख में इस कीवा फेस्टिवल में भारत, एशिया महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिये बहुत ही सम्मान की बात है।

कीवा कुंभ मेले में सभी वैश्विक प्रतिभागियों और विशिष्ट अतिथियों को एकत्रित कर धरती माता की प्रार्थना के साथ सभी की खुशी व समृद्धि के लिये एक साथ आना वास्तव में अद्भुत अनुभव है। यह समय धरती माता के उपचार का समय है, प्रकृति तथा धरती माता की सेवा के लिए सभी को प्रेरित करने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान प्राकृतिक जीवन जीने में है। यह समय धरती माता के साथ अधिक सामंजस्य और संरेखण का है। कीवा फेस्टिवल यह हमारी स्वदेशी और प्राचीन परंपराओं से हमें जोड़ता है।

गंगा नन्दिनी जी ने बताया कि परमार्थ निकेतन, भारत में 2025 में कुंभ मेले में कीवा का स्वागत करने के लिए हम बहुत उत्सुक हैं।

रूट्स फॉर द अर्थ के प्रमुख “हर्बेइर्तो विलासेनोर ने कहा कि “मुझे अभी भी वह समय अच्छे से याद है जो हमने 2019 में प्रयागराज के कुंभ मेले में पूज्य स्वामी जी और साध्वी जी के साथ बिताया था, जब हम पहली बार कीवा को भारत में लेकर गये थे। वह अनुभव बहुत शक्तिशाली व आनन्ददायक था, मुझे यकीन है कि 2025 में भी धरती माता के लिए सामूहिक प्रार्थना और कार्रवाई को प्रेरित करने का अवसर प्राप्त होगा। जब हम अपनी जड़ों और परंपराओं से जुड़ते हैं और एक परिवार के रूप में एक साथ आते हैं तो हम वह बदलाव लाने में सक्षम होते हैं जो हम ग्रह में देखना चाहते हैं।

निदेशक, रूट्स फॉर द अर्थ, जर्मनी, हेल्मुट ने कहा कि “जर्मनी में इस वर्ष कीवा व सभी विशिष्ट अतिथियों की मेजबानी करने के साथ-साथ हमारे वैश्विक परिवार का स्वागत करने हेतु हम प्रसन्न है। भले ही हम अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, अलग-अलग रंग और कपड़े पहनते हैं, भले ही हमारी परम्पराओं में इतनी विविधता है, फिर भी हम अपनी पृथ्वी के लिए एक हैं। ऋषिकेश आना हमारे लिये खुशी की बात है और हम कीवा को कुंभ मेले में लाने के लिए परमार्थ के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

इस अवसर पर रूट्स फाॅर हेरिबर्टो विलासेनोर, मैक्सिको, नूबिया एस्पेरांजा रोड्रिग्ज गार्सिया, डॉन अल्फांसा, फेलिप पाइकी उबा डुआर्टे, कोलंबिया, बीट्रिज अल्वेस फरेरा, ब्रासीलिया, क्रिस्टोबल कोज्टी गार्सिया, ग्वाटेमाला, जेरेमिया मैकडोनाल्ड, युएसए, चेरिल एन एंजल, डेरेल बॉब, ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा, टेमा जोआओ ‘वोवो’ ब्राजील, पेका रासु, नानी कतेयुवे ‘पै नानी’, ब्राजील, इजायस मेंडोजा, ग्वाटेमाला, मेक्सिको से रोसांता चावेज और आर्टुरो मार्टिनेज, कोको विजकार्रा, पेरू, इशारिया जोसेफिन केर्शर, जर्मनी, रेवेन नाशोता, जेनिया फिट्जनर, इना मेहरफर्ट, हेलेन लिंडमार्क, स्वीडन, रगनार जॉन्सन, नॉर्वे, रकेल हॉग, नीदरलैंड, एनेलिस थीलेन, टीना इनलाकेच, ऑस्ट्रिया, डस्टी मिलर, ग्रेट ब्रिटेन, जोल्टन सोल्योमफी-नागी, हंगरी, सुतो अन्नामारिया बाबी, फिलिप एस्विंड वान डेर जी, नीदरलैंड, थेरेसिया वैन डेर जी, मृधुइन अमोहि राफेल, बस्तान, जर्मनी, अभय ओयुन, यूक्रेन, राजेन्द्र सिंह, ऑस्ट्रेलिया/भारत, भक्ति लूप, भारत/मेक्सिको, ओडसुरेन संगीबात, मंगोलिया, अरिउंसाना नोरोव, मंगोलिया, गंगा नंदिनी, भारत, आयला शमन, साइबेरिया, रुटेन्डो लेराटो नगारा, दक्षिण अफ्रीका, एमफाथेलेनी मकाउलुले, इदा आयु पूर्णमावती, बाली, सेमुएल एम.जे. साहुरेका, इंडोनेशिया, शर्ली जुकुर्ना क्रैनक, ब्राजील, दरवेश उस्मान, तुर्की, सिनान अराट, रुबेन मोनरो सौफ्की सीनियर, युएसए, हेंज जिन्के, ऑस्ट्रिया आदि ने सहभाग कर विश्व शान्ति हेतु प्रार्थना की।