Minister of Home, Law, Jail and Parliamentary Affairs Visits Parmarth, Huge Bhandara Organized

परमार्थ निकेतन आये गृह, विधि, जेल व संसदीय कार्य मंत्री, मध्यप्रदेश सरकार, श्री नरोत्तम मिश्रा जी

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व शान्ति यज्ञ में अर्पित की आहुति

भारत के महत्वाकांक्षी चन्द्र मिशन की ऐतिहासिक सफलता की खुशी में परमार्थ निकेतन में विशाल भंडारा का आयोजन

रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर हरियाली संवर्द्धन का दिया संदेश

ऋषिकेश, 24 अगस्त। परमार्थ निकेतन में गृह, विधि, जेल व संसदीय कार्य मंत्री, मध्यप्रदेश सरकार, श्री नरोत्तम मिश्रा जी पधारे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर गंगा आरती में सहभाग किया। स्वामी जी ने माननीय मंत्री जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

भारत के महत्वाकांक्षी चन्द्र मिशन की ऐतिहासिक सफलता हेतु परमार्थ निकेतन में विशाल भंडारा का आयोजन किया गया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चैहान जी को याद करते हुये कहा कि मध्यप्रदेश के विकास में उनका अद्भुत योगदान है। स्वामी जी ने सिंहस्थ कुम्भ मेला 2028 व क्षिप्रा की स्वच्छता पर भी विशद् चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्षिप्रा नदी ज्ञान व तपस्या की स्थली है, यहां पर सांदीपनी आश्रम में भगवान श्री कृष्ण ने अपने भ्राता बलराम व सखा सुदामा के साथ ज्ञान अर्जित किया। यह गुरू गोरखनाथ व राजा भतर््हरि की भी तपोभूमि है, अतः क्षिप्रा को प्रदूषण मुक्त रखना व उसके आध्यात्मिक महत्व के लिये हर घाट व हर तट पर आरती का क्रम शुरू करना होगा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत की संस्कृति अद्भुत है। मानव जीवन के अस्तित्व के साथ ही भारतीय संस्कृति ने सम्पूर्ण मानवता को जीवन के अनेक श्रेष्ठ सूत्र दिये और आज भी निरंतर उन सूत्रों और मूल्यों की ओर अग्रसर है, जिन्हें आत्मसात कर न केवल जीवन व्यवस्थित होता है बल्कि ‘आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। भारतीय संस्कृति मानव को अपने मूल से; मूल्यों से, प्राचीन गौरवशाली सूत्रों, सिद्धान्तों एवं परंपराओं से जोड़ने के साथ ही अपने आप में निरंतर नवीनता का समावेश भी करती है। भारतीय संस्कृति सनातन संस्कृति है और यह विभिन्न संस्कृतियों का उद्गम और महासंगम भी है। जिस प्रकार अलग-अलग नदियां जिनके नाम अलग होते हंै, उनके जल का स्वाद भिन्न होता है परन्तु जब वह समुद्र में जाकर मिलती है तो उन सब का एक नाम हो जाता है और उस जल का स्वाद भी एक ही रह जाता है। इसी तरह से भारतीय संस्कृति भी है जिसमें विभिन्न संस्कृतियों का संगम होकर एकता की संस्कृति का जन्म होता है। भारतीय संस्कृति को जीवंत व जागृत रखने के लिये नदियों को जीवंत, जागृत व सदानिरा रखना होगा।

गृह, विधि, जेल व संसदीय कार्य मंत्री, मध्यप्रदेश सरकार, श्री नरोत्तम मिश्रा जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन वह दिव्य भूमि है जहां पर मैं कल से देव भक्ति और देश भक्ति का संमग देख रहा हूँ। कल जब मैने गंगा आरती में सहभाग किया तो चारो ओर भारत माता की जय और तिरंगा झंडा लहरा रहे थें, आरती के पश्चात राष्ट्र गान और प्रातःयज्ञ के पश्चात राष्ट्रगीत क्या अद्भुत दृश्य है। वास्तव में यह भूमि धन्य है।

आज स्वामी जी महाराज के पावन सान्निध्य में पूज्य संतों, निराश्रितों व ऋषिकुमारों को भंडारा परोस कर अत्यंत शान्ति का अनुभव हुआ।