Law and Justice Minister and Union Minister of Culture and Parliamentary Affairs Comes to Parmarth

परमार्थ निकेतन में भारत के कानून एवं न्याय मंत्री तथा केन्द्रीय संस्कृति एवम् संसदीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी पधारे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया। स्वामी जी ने माननीय मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत की धरती वह धरती है जिसने पूरी मानवता को समाधान दिया हैं। आज पूरा विश्व भारत को निहार रहा है। भारत संस्कार, संस्कृति, संविधान और समाधान की धरती है तथा उत्तराखंड की धरती तो उत्तर देने की धरती है। उत्तराखंड की धरती ने भारत को अनेक शूरवीर जाबाज़ जवान दिये हैं।

स्वामी जी ने कहा कि राजस्थान की धरती शूरता की, वीरता की, पन्ना धाय की, महाराणा प्रताप की और बलिदानियों की धरती हैं। इस धरती ने भारत को अनेक ऐसे लाल दिये जिन्होंने अपना सर्वस्व अपनी धरती माता को समर्पित कर दिया, हमारे माननीय मंत्री जी उसी राजस्थान की धरती से हैं जो भारत की संस्कृति के लिये अद्भुत कार्य कर रहे हैं।

श्री अर्जुन राम मेघवाल जी ने माँ गंगा जी और पूज्य स्वामी जी को प्रणाम करते हुये कहा कि परमार्थ गंगा तट पर यह दिव्य वाक्य ‘‘गंगा माँ की सेवा करे’’ लिखा हुआ है जो हमेें कर्तव्य भाव का स्मरण कराता है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा बताये पांच प्रणों; पांच संकल्पों को दोहराते हुये कहा कि हमारे जीवन में गुलामी के जो भी अंश है उनसे हमें मुक्ति पाना है। हमें नागरिकों को दंड नहीं देना है बल्कि उनके साथ न्याय करना है।

माननीय मंत्री जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन में प्रतिदिन प्रातः यज्ञ व ध्यान और शाम को गंगा जी की आरती के माध्यम से थैंक्स गिविंग सेरेमनी होती है जो अद्भुत है और यही तो जीवन का सार है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय श्री अर्जुन राम मेघवाल ही को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।