परमार्थ निकेतन में भारत के सर्वोच्च पदों पर कार्यरत कामर्स, इंडस्ट्री, ट्रेड एवं अन्य विभागों के आईएएस अधिकारी आये।

A delegation led by Shri Rajesh Kumar Singh, Secretary of the Department for Promotion of Industry and Internal Trade Government of India, and Shri Sunil Barthwal, Secretary of the Department of Commerce, GoI along with other senior officials and team of Government e Marketplace GeM, visited Parmarth Niketan for insightful discussions and spiritual guidance at the Chintan Shivir, followed by a visit to Maa Ganga. Pujya Swamiji graced everyone with his presence and wisdom, highlighting the significance of investing in spirituality alongside our professional pursuits. Let’s remember to nurture both our outer success and inner growth.


परमार्थ निकेतन में भारत के सर्वोच्च पदों पर कार्यरत कामर्स, इंडस्ट्री, ट्रेड एवं अन्य विभागों के आईएएस अधिकारी आये। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा ई-मार्केटप्लेस व विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की। साथ ही अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने चर्चा के दौरान कहा कि आप सभी कामर्स, ट्रेड, बिजनेस व इंडस्ट्री में इन्वेस्ट करंे, बहुत अच्छी बात हैं परन्तु वर्तमान समय स्पिरिचुअलिटी में इन्वेस्ट करने का है।

उन्होंने कहा कि अपने टाइम, टैलेंट, टेक्नाॅलाजी और टेनाॅसिटी का बाहर अपने व्यापार व व्यवसाय के लिये तो उपयोग करे साथ ही उसका उपयोग अपने पर, अपने भीतर कैसे करना है यह सीखना भी बहुत जरूरी है। हमें देखना है कि हमारे भीतर क्या चल रहा है क्योंकि जो भी चिंतन, मनन और विचार भीतर चलते हैं उनका परिणाम ही हमें बाहर दिखायी देता है।

स्वामी जी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि वर्तमान समय में हमारे पास श्री नरेन्द्र मोदी जी के रूप में अद्भुत व्यक्तित्व के धनी ऊर्जावान, तपस्वी, यशस्वी प्रधानमंत्री जी हैं। जो केवल विकास को ही नहीं बल्कि विरासत को भी साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने साइंस के साथ स्पिरिचुअलिटी पर भी ध्यान दिया; इंटरनेट के साथ इनरनेट पर भी ध्यान दिया और उन्होंने हमेशा अपने गोल (लक्ष्य) और रोल पर ध्यान दिया।

स्वामी जी ने कहा कि सांइस हमें केयरफुल (सावधान) रहना सीखाता है परन्तु स्पिरिचुअलिटी हमें केयरफुल के साथ कॉन्शियस (सचेत) रहना भी सिखाती है। हमारे शरीर में अगर मिनरल्स कम हो जाते हैं तो हम परेशान हो जाते हैं, डाॅक्टर्स के पास चक्कर लगाते हैं परन्तु जीवन में कंपैशन (करूणा) कम होने लगता है तो हमें फर्क नहीं पड़ता, इस पर विचार करने की जरूरत है।

स्वामी जी ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि युवाओं के जीवन में कभी-कभी ऐसा समय आता है जब उन्हें अपने विज़न व मिशन के विषय में संदेह होता है। चारों ओर संकट के बादल मड़राते दिखते हैं और उनके जीवन में अनेक शंकायें होती हैं। कई बार वे कहते हैं हम तो सांइस वाले हैं इसलिये हम किसी भी चक्कर में नहीं पड़ते। कई बार उन्हें अध्यात्म, संस्कार और परम्परायें चक्कर लगने लगती हैं। सच माने जिस दिन इनके पीछे का विज्ञान समझ में आ जायेगा जीवन के सारे चक्कर समाप्त हो जायेंगे, यही सच्चाई है इसलिये अपने बच्चों को कार दे या न दे परन्तु संस्कार अवश्य दें। अंत में स्वामी जी ने कहा कि देवभक्ति अपनी-अपनी करें परन्तु देशभक्ति सब मिलकर करे।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, भारत सरकार श्री राजेश कुमार सिंह जी ने कहा कि चिंतन शिविर का विराम इसी प्रकार होना चाहिये जहां पर पूज्य स्वामी जी महाराज का आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त हो। हमारा पूरा दल अत्यंत प्रसन्न है कि हमें स्वामी जी का सान्निध्य, आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। वास्तव में चिंतन शिविर माँ गंगा के पावन तट पर आकर पूर्ण हुआ।

स्वामी जी ने श्री राजेश कुमार सिंह जी, श्री सुनील बर्थवाल जी और अन्य सभी उच्चाधिकारियों को माँ गंगा के आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

ज्ञात हो कि सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने हेतु सरकार ने ऑनलाइन खरीदारी करने के लिये 2016 में जेम ( गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) की शुरुआत की थी। चिंतन शिविर उसी से संबंधित विषयों के लिये आयोजित किया गया।