World Interfaith Prayers Meet

In a very special Interfaith Prayer Meet organized by Dr Anthony Raju, the International Human Rights Advisory Council and the All India Council of Human Rights Liberties and Social Justice and held today for the Healing, Good Health and Happiness of Covid-19 patients everywhere, Parmarth Niketan President and Spiritual Leader HH Pujya Swami Chidanand Saraswatiji expressed concerns that – because Covid has created so much panic in people’s lives – “there are many patients who are not even getting medicine and food. They are alone and frightened. In such a situation, it makes it the duty of their neighbours and family members to keep in touch with them and take care of their needs. And, prayer,” he shared, “is the best solution at this time.”

Pujya Swamiji also requested that leaders of all religions and all thinkers work to keep up the spirits of those people affected. “These patients watch and read the news,” He said, “and their hearts tremble, their patience breaks, their morale falters and negative thoughts come to their minds. They lose courage. It is the duty of all of us to communicate hope at this time – there is no need to panic. Follow the rules made and stated by the Government of India and UNICEF seriously, and maintain patience, courage and positivity!”

वर्ल्ड इंटरफेथ प्रेयर
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में वैश्विक स्तर के विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं ने सहभाग कर कोरोना संक्रमण से बचाव, धैर्य और संयम से रहने का दिया संदेश
कोरोना वायरस से प्रभावित हुये लोगों के स्वास्थ्य लाभ हेतु विशेष प्रार्थना का आयोजन
इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एडवाइजरी काउंसिल के द्वारा आयोजित
इम्युनिटी तो बढ़े पर ह्यूमैनिटी न खो जाये-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से ‘वर्ल्ड इंटरफेथ प्रेयर’ में सहभाग कर कोरोना वायरस से प्रभावित भाई-बहनों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये विशेष प्रार्थना की।

भारत सहित विश्व के वर्तमान परिदृश्य पर चिंता व्यक्त करते हुये पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज चारों तरफ कोरोना वायरस के कारण ऐसा वातावरण निर्मित हो गया है कि लोगों का जीवन दहशत में है, सब खौफ में हैं, कई अपनों से छूटे हैं। इस समय कईं रोगी ऐसे भी हैं जिन्हें कोई दवाई और खाना तक देने वाला भी नहीं है, वे अकेले हैं और परेशान भी ऐसे में आस-पास रहने वाले लोगों का कर्तव्य बनाता है कि उनसे सम्पर्क करते रहें और उनके जरूरतों का ध्यान रखें। जो लोग आज हम सबके बीच नहीं हैं उन सबके लिये भी प्रभु से प्रार्थना करें क्योंकि इस समय प्रार्थना ही सबसे उत्तम उपाय है।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि आज सिसकते भारत को बचाने के लिये करूणावान और सामर्थवान महामनाओं की जरूरत है जो कोरोना से थमती भारत की सांसों को बचाने के लिये आगे आयें। उन्होंने कहा कि यह खौफनाक दौर बीत जायेगा और उम्मीदों का सूरज फिर उगेगा, बस आप सभी अपनों के साथ अपनत्व के साथ खड़े रहें और प्रभु में आस्था बनाये रखें क्योंकि मुसीबतों का यह दौर जल्दी ही खत्म हो जायेगा और सभी का जीवन सामान्य होकर फिर से पटरी पर दौड़ेगा परन्तु तब तक सभी लोग धैर्य, साहस और पाॅजिटिविटी को बनायें रखें।

पूज्य स्वामी जी ने विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं, सभी विचारक और विशिष्ट विभूतियों से निवेदन किया कि लोगों में जीवन की उर्जा को जगाये रखें, साथ ही एक छोटा सा विनम्र सुझाव यह है कि कुछ समय के लिये किसी भी परीचित की मृत्यु के समाचार सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें क्योंकि जो लोग अस्पतालों में कोरोना से जंग लड़ रहें हैं या अपने-अपने घरों में आइसोलेट हैं वे सभी ऐसा समाचार देखतें हैं, पढ़ते हैं तो उनका मनोबल टूटता है, दिल कांपता है, धैर्य टूटता है, मन में नेंगेटिव विचार आते हैं जिससे वे डिप्रेशन मेें आकर हिम्मत हार सकते हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि इस समय समाज में आशा का संचार करें। साथ ही भारत सरकार और यूनिसेफ द्वारा बनाये और बताये नियमों का गंभीरता से पालन करें। कोरोना की गंभीरता को समझें तथा 2 गज की दूरी का पालन करें लेकिन हमें इस समय धैर्य नहीं खोना है साथ ही नियमों में कड़ाई भी हो और जरूरत पडे तो दवाई भी लें। इस समय पैनिक बिल्कुल न हो, प्रिकाशन लो और मन से पाॅजिटिव बनें रहें।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि सभी लोग नियमित व्यायाम, संयमित आहार, अनुशासित व्यवहार और पाॅजिटिव विचार को बनाये रखें, इन सब से इम्युनिटी बढ़ेगी। यह भी ध्यान रखें कि इम्युनिटी तो बढ़े पर ह्यूमैनिटी न खो जाये। आईये मानवता की सेवा हेतु मिलकर हाथ बटायें।