World Blood Donation Day: विश्व रक्तदान दिवस – रक्तदान, महादान !

On the occasion of World Blood Donation Day, HH Pujya Swami Chidanand Saraswatiji inspired everyone, especially youth, to donate blood, sharing that the donation of blood is one of the ultimate donations to humanity. According to recent reports He shared, “India faces shortage of 1.95 million units.” He also said that the donor also receives great benefit from donating blood as such a noble action signifies a compassionate and kind heart which is a key to our own health and wellness.

In His message on this day He also emphasized the importance of Yoga and Meditation on keeping a healthy body and a peaceful mind, especially in times of Covid-19. He reminded us not to be panicked but rather to take the necessary precautions.

Pujya Swamiji shares,”Blood Donation is one of the greatest donations to humanity.”

*World Blood Donation Day is organized worldwide on 14 June, started in the year 2004 by the World Health Organization, with the objective to make people aware of the need for safe blood products and to express their gratitude by encouraging voluntary blood donors to donate safe blood. Another purpose of celebrating this day is also to remove the misconceptions related to blood donation. It is celebrated in memory of the Nobel Prize winning scientist Carl Landstein in anthropology, who did a remarkable job in the classification of human blood.

विश्व रक्तदान दिवस

“जीवन को स्वस्थ रखने के लिये योग और ध्यान तथा समाज सेवा के लिये रक्त दान मुख में मुख में हो राम नाम, जीवन में हो रक्त दान” -स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 14 जून। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर युवाओं को रक्त दान करने हेतु प्रोत्साहित करते हुये कहा कि रक्तदान महादान है। रक्तदान करके हम कई जिदंगियाँ बचा सकते है। रक्तदान के लिये रक्त के साथ संवेदनशील हृदय होना नितंात आवश्यक है। उन्होने कहा कि स्वयं के जीवन को स्वस्थ रखने के लिये योग और ध्यान का आश्रय लें परन्तु समाज सेवा के लिये हमें रक्त दान अवश्य करना चाहिये। रक्तदान से जितना फायदा उस जरूरतमंद को होता है उससे अधिक फायदा रक्तदान करने वालों को मिलता है। शोध के आधार पर रक्तदान से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है, खून में कोलेस्ट्राॅल जमा नहीं होता है और रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। रक्त दान-महादान, मुख में हो राम नाम, जीवन में हो रक्त दान। इस समय तो जब पूरा विश्व कोरोना संकट में है तब रक्त का महत्व और भी बढ़ जाता है। कोरोना ने बता दिया कि इस संकट के समय में हमारे जीवन में प्रकृति का क्या महत्व है।

Courtesy: Times of India

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज इस कोरोना काल में अपनी जीवन शैली और सोच में बदलाव करना होगा। ऐसे समय में भय और संदेह के वायरस का समाधान करने के लिये अपनी इनरपावर, आंतरिक शक्ति को बढ़ाना होगा। इस समय हम तनाव से मुक्त रहें, पैनिक ना हो और प्रिकॉशन लेते हुये, भय और संदेह के वायरस को योग, ध्यान और दूसरों का सहयोग करते हुये दूर करें। इस समय सभी को योग, ध्यान और प्राणायाम का आश्रय लेना चाहिये जिससे हम सभी सकारात्मक बने रहें।

14 जून को दुनियाभर में विश्व रक्तदान दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2004 में शुरू किये गए इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना और सुरक्षित रक्तदान करने के लिये स्वैच्छिक रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करते हुए उनका आभार व्यक्त करना है। इस दिवस को मनाने का एक अन्य उद्देश्य रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना भी है। विश्व रक्तदान दिवस मानव विज्ञान में नोबल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाइन की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने मानव रक्त का वर्गीकरण करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया था। एक अनुमान के अनुसार हमारे देश में हर साल लगभग 1.20 करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत होती है। लेकिन रक्तदाताओं से केवल 90 लाख यूनिट ही रक्त एकत्रित हो पाता है इसलिये हमारे युवाओं को चाहिये कि वे रक्तदान हेतु आगे आयें और रक्तदान कर अपना योगदान दें।

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