Social Empowerment Camp for Persons with Disabilities Held at Parmarth

The Social Empowerment Camp at Parmarth Niketan, organised under the joint aegis of the Government of India, Swavalamban, ALIMCO, and the G-20 in the holy presence of Pujya Swami Chidanand Saraswati ji and Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswati ji under the ADIP Scheme for Divyangjan, was aimed at empowering individuals with disabilities. The camp included a free accessories distribution program, to promote inclusivity and providing support to individuals with disabilities, allowing them to lead more empowered lives.


परमार्थ निकेतन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा सामाजिक अधिकारिता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें दिव्यांगजनों हेतु एडिप योजना के अन्तर्गत निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित किये गये।

इस अवसर पर डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, लिम्को सहायक प्रबंधक ऋषि श्री राज जी, आयकर आयुक्त श्री राकेश कुमार गुप्ता जी, श्री अरूण सारस्वत जी, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने संदेश दिया कि किसी भी प्रकार के शारीरिक या मानसिक विकारों के कारण आपको परेशान नहीं होना चाहिये। आपको भी परमात्मा का दिव्य वरदान प्राप्त है; वह अद्भुत शक्ति प्राप्त है जो बाकी सब के पास है।

दिव्यांगजनों के अधिकारों तथा उनके हितों को प्रोत्साहित करना हम सभी का परम कर्तव्य है। ‘दिव्यांग’ या ‘डिफरेंटली एबल्ड’ जनों के प्रति जो सामाजिक विचारधारा है उसमें बदलाव करने की जरूरत है। सामाजिक स्तर पर बदलाव के लिये समाज और नागरिक जनों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता हैैैै। सरकार अपने स्तर अनेक कार्य कर रही है हम सब की बारी है।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि जिस प्रकार एक बगीचे में विभिन्न रूप और रंग के फूल होते हैं वैसे ही परमात्मा के बगीचे में भी अलग-अलग तरह के लोग है। बाहरी रूप से देखे तो अलग-अलग हो सकते हैं परन्तु अन्दर से सभी मजबूत है। परमार्थ निकेतन में दिव्यांगता पर ध्यान दिये बगैर सभी का स्वागत और सम्मान है। सभी का आह्वान करते हुये कहा कि हमें ऐसे भारत के निर्माण हेतु सहयोग करना होगा जहां सब का सम्मान हो और सब के लिये रोजगार के समान अवसर उपलब्ध हो। भारत में एक ऐसी संस्कृति विकसित करने की जरूरत है जहाँ किसी भी बुनियादी ढाँचे का निर्माण करते समय दिव्यांगजनों के हितों को भी ध्यान में रखा जाए। चाहे वह स्कूल हो, हास्पिटल हो, रेलवे स्टेशन हो या आफिस हो सभी स्थानों पर दिव्यांगजनों के हितों और सुविधाओं को ध्यान में रखना जरूरी है।

इस उत्कृष्ट आयोजन हेतु साध्वी जी ने भारत सरकार, एलिम्को और सभी सहयोगी संस्थाओं का अभिनन्दन किया। सभी विशिष्ट अतिथियों को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

दिव्यांग भाई-बहनों को ट्राइसाकल, मोबाइल फोन और अन्य सहायक उपकरण उपहार स्वरूप भेंट किये ताकि उनके जीवन को आसन बनाया जा सके।