Grand and Divine Yamuna Festival in Vrindavan

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के संरक्षण और प्रेरणा से देवऋषि देवराहा बाबा यमुना घाट कुम्भ स्थल वृन्दावन में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, मिलेट फेयर और यमुना महोत्सव का विशाल यमुना आरती के साथ समापन हुआ।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ब्रज की भूमि पवित्र, दिव्य और संस्कारित भूमि है। यमुना जी को विषमुक्त करने के लिये तो स्वयं ठाकुर जी ने कालिया नाग का दमन किया था। वर्तमान समय में हम सभी को प्रदूषण रूपी कालिया का दमन करना है, इसके लिये सभी को आगे आना होगा क्योंकि गली बदलेगी तो मोहल्ला बदलेगा, मोहल्ला बदलेगा तो माहौल बदलेगा और चारों ओर सकारात्मक परिवर्तन होगा।

स्वामी जी ने कहा कि यमुना जी भारत की पवित्र नदियों में से एक है। पौराणिक धर्मग्रंथों यथा विष्णु पुराण, रामायण आदि में यमुना जी को सूर्य पुत्री और यम की बहन के रूप में उल्लेख किया गया है। यमुना जी और गंगा जी के दोआब की पुण्यभूमि में ही हमारी सनातन संस्कृति का विकास हुआ है। जीवनदायिनी नदियाँ सदियों से माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती आ रही हैं। नदियों के तटों पर ही अनेक सभ्यताओं का विकास हुआ हैं। नदियों का जल न केवल मनुष्यों बल्कि धरती की प्यास भी बुझाता है साथ ही यह हमारी आस्था का भी केन्द्र है। जब हम समस्याओं में उलझे होते हैं तब नदियों के तटों पर सुकून और शांति की तलाश करते हैं। नदियाँ हमारी आस्था, आध्यात्मिकता और सकारात्मकता में वृद्धि करती हैं।

हिन्दू धर्म में तो जन्म से लेकर जीवन की अंतिम यात्रा भी नदियों की गोद में ही पूरी होती है। प्रकृति और नदियां ईश्वर का एक अनमोल खजाना है इसलिये इसे सहेजने के लिये सशक्त कदम उठाने होंगे।

यमुना जी के तटों पर आरती का शुभारम्भ करने की प्रमुख वजह़ यही है कि दिल्ली से लगे 22 कि.मी. लम्बे नदी मार्ग की स्थिति प्रदूषण तथा कम बहाव दोनों दृष्टियों से अत्यंत चिंताजनक है। जल की गुणवत्ता में सुधार हेतु मास्टर प्लान के साथ ही आस्था और आध्यात्मिकता के आधार पर व्यवहार परिवर्तन करना अत्यंत आवश्यक है। जो तत्व समाज और पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं उनका साम, दाम, दंड, भेद की नीति के साथ दमन करना आवश्यक है और यह सबका साथ और सबका प्रयास से ही सम्भव हो सकता है।

स्वामी जी ने कहा कि छठ और बस अब एक ही हठ, माँ यमुना जी के पावन तट से सभी ने मिलकर संकल्प किया कि ‘पेड़ लगे प्यारे, हाथ लगे सारे, संकल्प लंे सारे’ इस उद्घोष के साथ सभी ने संकल्प किया कि अब यमुना जी की प्रतिदिन दिव्यता और भव्यता के साथ आरती होगी।

स्वामी जी ने कहा कि जिस प्रकार वाराणसी, ऋषिकेश और हरिद्वार में श्रद्धालु आकर आरती करते हैं, एक दिन वृन्दावन में भी हजारों-हजारों श्रद्धालु आकर आरती करेंगे। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी यहां पर आकर आरती करें ताकि बाहर से आने वालों के लिये यह आकर्षण और शान्ति का केन्द्र बनें। इससे जीवन में स्थायित्व आयेगा, समृद्धि बढ़ेगी, संस्कृति बढ़ेगी, रोजगार भी बढ़ेगा, संस्कार भी बढ़ेगा, जीवन का आधार भी बढ़ेगा और प्रकृति का संरक्षण होगा।

स्वामी जी ने वृन्दावन और ब्रज भूमि में जितने भी मन्दिर है उनके मुखिया एवं पूज्य संतों का अभिनन्दन किया। खेल जगत की विभूतियों और अन्य अनेक संगठनों के प्रमुखों को भी सम्मानित किया और सभी को दिल से धन्यवाद दिया।
आज प्रातःकाल परमार्थ निकेतन की योगाचार्य सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी, आस्ट्रेलिया से आये माॅडल रोहन मैकलाॅरेन, इंग्लैंड से आयी कल्याणी द्वारा योगाभ्यास कराया गया, मार्शल आर्ट का प्रदर्शन वंशिका शर्मा और टीम द्वारा तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम श्री हेमन्त ब्रजवासी जी द्वारा प्रस्तुत किया गया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और आचार्य पंडित विष्णु शास्त्री जी ने ‘सनातन धर्म रक्षक रक्षार्थ योग’ टेक्नीकल यमुना संरक्षण और गौ वंश संरक्षण पर उद्बोधन दिया।

सभी प्रतिभागियों और योगाचार्यो ने यमुना जी की आरती, यमुना जी का पूजन और दीपदान किया। आज यमुना जी के अवतरण दिवस के अवसर पर वृन्दावन में 5100 दीप प्रज्वलित कर यमुना जन्मोत्सव मनाया गया।

इस अवसर पर सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी, आचार्य दीपक शर्मा जी, प्रो डा रचना बिमल जी, आचार्य दिलीप क्षेत्री जी, आस्ट्रेलिया से आये माॅडल रोहन मैकलाॅरेन, रेशमी, इंग्लैंड से आयी कल्याणी, अमरीका से आयी अंजली, प्रशांत, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार अद्भुत सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

वृन्दावन में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, मिलेट फेयर और यमुना महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा वृंदा फाउंडेशन ट्रस्ट, अनेकों संस्थाओं एवं सेवा भावी भक्तों के संयुक्त प्रयासों से किया गया। स्वामी जी ने कहा कि श्री अमित सिरोही जी, डा मेघना चैधरी जी और सहयोगियों ने दिन-रात एक कर एक शानदार शुरूआत की है भविष्य में यहां से संस्कृति और संस्कारों प्रसार होगा। स्वामी जी ने इस महोत्सव के सफलतापूर्वक समापन हेतु धन्यवाद दिया। जी-20 अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव एवं श्री अन्न महोत्सव (मिलट्स फेस्टिवल) संकल्प – यमुना छट दिवस को हठ दिवस के रूप में मनायेंगे, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की अध्यक्षता में संकल्प लिया गया जिसमें नाभा पीठाधीश्वर महन्त श्री सुतीक्ष्ण दास देवाचार्य जी, बाबा बलराम दास जी देवाचार्य जी, स्वामी जगदानन्द जी महाराज, स्वामी श्री इन्द्र देवेश्वरानन्द जी, स्वामी गोविन्दानन्द तीर्थ जी, स्वामी श्री कृष्णानन्द जी, स्वामी रामदेवानन्द सरस्वती जी, महन्त श्री फूलडोल जी, डा स्वामी आदित्यनन्द जी, महन्त श्री नवल गिरि जी, श्री गोपेशशरण बाबा जी, बाबा श्री मोहिनी शरण जी, स्वामी श्री सुमन्त कृष्ण शास्त्री जी, आचार्य श्री पाठक जी, श्री अशोक शास्त्री जी, श्री रवि मोगा जी, श्री सुशील जी, श्री रामविलास चतुर्वेदी जी, श्री राधाकान्त शास्त्री जी, श्री सुनीत जी, श्री पंकज चतुर्वेदी जी, श्री सत्य मित्रानन्द जी, श्री देवेन्द्र शर्मा, श्री शेर सिंह जी, पं श्याम सुन्दर जी, आचार्य बद्रीश जी, आचार्य पं मृदुल कान्त जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने