परमार्थ गंगा तट पर मल्लखंब की प्रस्तुति

परमार्थ गंगा तट पर मल्लखंब की प्रस्तुति

परमार्थ गंगा तट पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने मल्लखंब का आनन्द लिया

राष्ट्र बचेगा तो हम बचेंगे

खेल-खेल में जोडें राष्ट्र भावना – स्वामी चिदानन्द सरस्वती

29 अक्टूबर, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट पर आज प्राचीन खेल मल्लखंब का प्रदर्शन माधव सेवा न्यास के संरक्षण में राष्ट्रीय पुरस्कार द्रोणाचार्य से सम्मानित, अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री योगेश मालवीय के मार्गदर्शन में मल्लखंब की प्रस्तुति दी।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से श्री योगेश मालवीय जी ने भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा प्राचीन भारतीय खेलों के प्रचार-प्रसार के विषय में चर्चा की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि खेलों के माध्यम से हमारे खिलाड़ी भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं लेकिन पहले हम अपने खेलों को खुद जानना होगा और खेलना होगा इसलिये अपने खेलों को खुद जाने और खुद खेले और उस खेल भावना को खेल-खेल में ही राष्ट्र भावना से जोड़ें। हमारा हर खेल, हर कार्य और क्रिया राष्ट्र के लिये हो, अपने राष्ट्र को मजबूत और सुदृढ़ बनाने के लिये हो क्योंकि राष्ट्र बचेगा तो हम बचेंगे; देश है तो हम है। आईये खेल खेले और आगे बढ़े।

श्री योगेश मालवीय जी ने कहा कि मल्लखंब से तात्पर्य मल्ल का अर्थ शारीरिक बल और खम्ब से है। मल्लखम्ब का उल्लेख 12 वीं सदी में चालुक्यकालीन ग्रंथों में मिलता है। पेशवा बाजीराव द्वितीय के गुरु बालमभट्ट दादा देवधर ने इसका प्रचलन दोबारा शुरू किया इसमें जमीन में धंसे एक खम्बे पर चढ़कर खिलाड़ी कौशल का प्रदर्शन करते हैं। मल्लखम्ब के विशेष प्रकार की रस्सियों का प्रयोग होता है। इसमें प्रतिभागी रस्सी की सहायता से लटककर विभिन्न योग क्रियाओं का प्रदर्शन करते हैं। इस खेल से शरीर के सभी अंगों का विकास होता है तथा जीवन के लिये आवश्यक शारीरिक बल, सहनशक्ति, गति , धैर्य, फुर्ती, लचीलापन तथा साहस आदि को तेजी से विकसित किया जा सकता है।

श्री योगेश मालवीय के मार्गदर्शन में लोकमान्य तिलक सांस्कृतिक न्यास के माध्यम से विलुप्त हो रहे खेल को भारत व पूरे विश्व में प्रचार करने हेतु विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर यथा इण्डिया बनेगा मंच, इंटरटेन्मेंट के लिये कुछ भी करेगा, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली, माॅरिशस में प्रदर्शन, ईशा फाउण्डेशन के योग साधकों के समक्ष उज्जैन में प्रदर्शन और कई मंचों पर सराहनीय प्रस्तुति दी।

स्वामी जी ने श्री योगेश मालवीय जी और पूरी टीम का रूद्राक्ष का पौधा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर योगेश्वर, अनुराग आचार्य, राजवीर पंवार, दीपक गवली देवेन्द्र पाटीदार, सिद्धी गुप्ता, श्रेया राठौर, चंद्रिका मितोला, कुंदन कुशवाह, रितिका चंदेरीवाला आदि खिलाड़ियों ने सहभाग किया।